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दबिश के लिए बनेगी फ्रंट लाइन फोर्स

बदमाशों के यहां दबिश के साथ ही बड़े मोर्चे पर सामना करने के लिए अब हर जिले में फ्रंट लाइन फोर्स तैयार की जा रही है। यह फोर्स कमांडो ट्रेनिंग के साथ ही सभी तरह के हथियार चलाने में दक्ष होगी। डीआईजी...

दबिश के लिए बनेगी फ्रंट लाइन फोर्स
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरSun, 05 Jul 2020 02:01 AM
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बदमाशों के यहां दबिश के साथ ही बड़े मोर्चे पर सामना करने के लिए अब हर जिले में फ्रंट लाइन फोर्स तैयार की जा रही है। यह फोर्स कमांडो ट्रेनिंग के साथ ही सभी तरह के हथियार चलाने में दक्ष होगी। डीआईजी रेंज राजेश मोडक ने चारो जिलों के पुलिस कप्तानों को अपने यहां से 10-10 जवानों के नाम मांगे हैं। इन जवानों की कमांडो ट्रेनिंग के लिए डीआईजी ने एटीएस के एसपी से भी बात कर ली है।

दरअसल एटीएस और एसटीएफ दबिश में कमांडो का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि उनकी दबिश बड़े मामलों को लेकर ही होती है। पर कई मर्तेवे यह देखा गया है कि पुलिस दबिश में ट्रेनिंग के अभाव में मात खा जाती है। उसे या तो भागना पड़ता है या पिट कर आ जाती है। लिहाजा अफसरों ने यह तय किया है कि प्रत्येक जिले में दस ऐसे जवान होने चाहिए जो कमांडो ट्रेनिंग लिए हों उन्हें जरूरत पड़ने पर फ्रंट लाइन पर भेजा जाए। यही नहीं गोरखपुर आतंकी घटना के लिहाज से भी संवेदनशील है लिहाजा यहां इस तरह की फोर्स की जरूरत तब भी है जब ऐसी कोई घटना हो जाए। जब तक कमांडो अपना मोर्चा न संभाल लें तब तक के लिए गोरखपुर और आस-पास के जिलों में कमांडो ट्रेनिंग के बाद तैयार सिपाही मोर्चा संभाले रहें। यही वजह है कि गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर व देवरिया में अब एटीएस की तरह पुलिस के विशेष कमांडो दस्ते का गठन की तैयारी है।

कानुपर मुठभेड़ में इतनी संख्या में पुलिसवालों के शहीद होने के बाद डीआईजी राजेश डी मोदक ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर तेज तर्रार व शारीरिक रूप से फीट 10-10 पुलिसर्किमयों की सूची मांगी है। डीआईजी का मानना है कि कानपुर की घटना हो या गोरखपुर में मारे गए बदमाश विपिन से मुठभेड़ हो, ऐसे मौकों पर अच्छी तरह से प्रशिक्षण पाए हुए कमांडो पुलिसर्किमयों की जरूरत होती है जोकि बदमाशों का सामना अच्छी तरह से कर सकें ताकि बिना जान जोखिम में डाले बदमाशों का मुकाबला किया जा सके।

बोले डीआईजी

कोशिश है कि परिक्षेत्र के चारों जिलों में 10-10 कमांडो ट्रेनिंग वाले पुलिसकर्मी तैयार किए जाएं जो कठिन हालात में फ्रंट लाइन पर बदमाशों का मुकाबला करने में सक्षम हों। एटीएस के एसपी से बात की है और चारों जिले के पुलिस कप्तानों से 10-10 पुलिसर्किमयों का नाम भी मांगा है। नाम मिलते ही उनकी सूची एटीएस को भेज दी जाएगी। वहां से तय क्रार्यक्रम के अनुसार उनकी ट्रेनिंग कराई जाएगी।

राजेश डी मोडक, डीआईजी, रेंज

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