ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश गोरखपुरबाढ़ ने बर्बाद कर दिया अब बारिश दे रही गहरे जख्म

बाढ़ ने बर्बाद कर दिया अब बारिश दे रही गहरे जख्म

गोरखपुर। हिन्दुस्तान संवाद गोर्रा की बाढ़ ने तीन दर्जन से अधिक गांवों के लोगों...

बाढ़ ने बर्बाद कर दिया अब बारिश दे रही गहरे जख्म
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरSat, 18 Sep 2021 04:40 AM
ऐप पर पढ़ें

गोरखपुर। हिन्दुस्तान संवाद

गोर्रा की बाढ़ ने तीन दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को बर्बाद कर दिया। घर में रखा सामान नष्ट हो गया। खेतों में लहलहाती फसलें चौपट हो गईं। बड़ी संख्या में परिवारों ने मजबूरी में बंधों और ऊंचे स्थानों पर शरण ली थी। अब लगातार हो रही बारिश उन्हें और जख्म दे रही है। उनकी रातें भीगते हुए कट रही हैं। दिन खाने-पीने के सामानों का जुगाड़ करने में बीत जा रहा है। अब उन्हें बीमारियां फैलने का डर भी डराने लगा है।

गोर्रा नदी के किनारे स्थित राजधानी-सिलहटा बांध टूट जाने और फरेन नाले के किनारे के बांध आमघाट के कट जाने की वजह से तीन दर्जन से अधिक गांवों में तबाही मच गई। गोर्रा का पानी गांवों में लोगों के घरों में घुस गया। छप्पर बह गए। खपरैल के मकान भरभराकर ढह गए। मलबे में दब कर सब कुछ नष्ट हो गया। बड़ी संख्या में लोग गांवों को छोड़कर बंधों तथा अन्य ऊंचे स्थानों पर आकर शरण ले ली।

बंधे पर शरण लिए भरोहिया निवासी सुरेश, हरिश्चंद, सम्भा, पुरुषोत्तम, रामनयन ने शुक्रवार को ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि बारिश ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। बंधे पर उनके जैसे तमाम लोगों ने प्लास्टिक की पन्नियां टांग रखी है ताकि उसी के नीचे शरण लेकर दिन काट लें लेकिन अब बारिश में उनकी यह उम्मीद भी टूट रही है। प्लास्टिक की पन्नियां फट जाने के कारण वे और उनके परिवारीजन भीगने को मजबूर हो जा रहे हैं। बिस्तर भी भीग जा रहा है जिससे पूरी रात जागकर गुजारनी पड़ रही है।

पशुओं को क्या खिलाएं

ग्रामीणों का कहना है कि बारिश ने और तबाही मचा दी है। पशुओं के लिए चारा नहीं मिल पा रहा है। उन लोगों ने कुछ भूसा जुटाया था जो बारिश में भीग गया। अब पशुओं को क्या खिलाएं, यह सोचकर परेशान हो जा रहे हैं। बेजुबान पशु भूख-प्यास से परेशान हैं।

बाढ़ में सब कुछ डूबा, किसान चिंतित

बाढ़ ने किसानों की चिंता में डाल दी हैं। चंद्रमणि, लालजी, सूबेदार, महातम, जंगली, कैलाश, शम्भु, सुधीर, बेचू ने चिकित्सीय सुविधाएं दिए जाने, छिड़काव कराने, पशु हानि पर मुआवजा दिए जाने, बर्बाद फसलों का मुआवजा दिए जाने तथा स्वच्छ पेयजल पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है। किसान इन समस्याओं को लेकर चिंतित हैं कि अगर शासन-प्रशासन ने मदद नहीं दी तो उनका क्या होगा।

भूखे पेट सोने को मजबूर है धूस पर डेरा डाले लोग

ब्रह्मपुर संवाद के अनुसार गोर्रा नदी की बाढ़ के पानी से टापू बने गांवों के लोग घरों में पानी भरने से सब कुछ गचां चुके हैं। बड़ी संख्या में ग्रामीण नरेंद्रपुर धूस पर प्लास्टिक डाल कर शरण लिए हुए हैं। दो दिनों से हो रही बरसात ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। हरपुर निवासी राजकुमार अपनी पत्नी बीरमा के साथ चिंतित बैठे थे। उनका कहना था कि बाढ़ के पानी ने घर-गृहस्थी बर्बाद कर दिया। लगातार दो दिनों से हो रही बरसात ने सिर पर पहाड़ खड़ा कर दिया है। गैस सिलेंडर है और न ही लकड़ी। वे लोग खाना भी नहीं बना पा रहे हैं। उन्हें भूखे पेट सोने की मजबूरी हो गई।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें