बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक समेत पांच पर मुकदमा
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता बैंक ऑफ बड़ौदा बेतियाहाता ब्रांच के अधिकारियों ने फर्जी तरीके...

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
बैंक ऑफ बड़ौदा बेतियाहाता ब्रांच के अधिकारियों ने फर्जी तरीके से सार्वजनिक पोखरे की जमीन बेच कर एक व्यक्ति से 26 लाख रुपये हड़प लिए। जालसाजी उजागर होने पर पीड़ित ने पैसा लौटाने को कहा तो आरोपितों ने इनकार कर दिया। पीड़ित की शिकायत पर सोमवार को मंडलायुक्त की पहल पर एसएसपी ने कैंट थाने में मुख्य प्रबंधक समेत पांच लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया है।
बेतियाहाता निवासी राजीव मिश्र पुत्र स्वर्गीय मेजर शेषमणि मिश्र ने बैंक की नीलामी में तीन प्लाट लिए। बैंक के अफसरों ने 26 लाख 54 हजार 400 रुपये 15 दिनों के अन्दर जमा कर रजिस्ट्री कराने को कहा। राजीव के रकम जमा करने पर बैंक से 11 दिसम्बर 2020 को तीनों प्लाटों का सेल सर्टीफिकेट दिया गया। बैंक के अधिकारी पंकज कुमार, अनिल कुमार सिंह और वसंत चौधरी, मनोरंजन बोई मुख्य प्रबन्धक बैंक ऑफ बड़ौदा ने प्लाट दिखाए और मिट्टी भरवाने का काम शुरू कर ने को कहा। कहा कि, कुछ दिनों बाद रजिस्ट्री कर दिया जाएगा। राजीव ने वहां काम शुरू कराया। 23 दिसंबर 2020 को सदर तहसील की राजस्व टीम ने काम रोक दिया। बताया कि यह सरकारी सार्वजनिक पोखरा है। इस पर निर्माण व कब्जा नहीं किया जा सकता।
राजीव मिश्र ने 31 दिसम्बर 2020 को बैंक के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। जवाब में बैंक अधिकारियों ने कहा कि आपको जमीन दे दी गई है अब आगे आपका काम है। इसके बाद राजीव ने डीएम को पैमाइश के लिए प्रार्थनापत्र दिया। इस पर प्रशासन की ओर से बताया गया कि वह सरकारी जमीन है। इसके बाद राजीव ने बैंक के उच्च अधिकारी कुंवरजीत चौहान से शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आरोप है कि सरकारी जमीन को बैंक में बंधक दिखा कर बेच दिया गया तथा मिट्टी पाटने व लेवल के खर्च में सात लाख रुपये खर्च करा दिए गए। उन्होंने इसकी शिकायत कमिश्नर से की तो उन्होंने अपर आयुक्त को जांच सौंपी। जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर कमिश्नर ने बैंक के कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराने का निर्देश दिया। एसएसपी के निर्देश पर मुख्य प्रबंधक समेत पांच के खिलाफ धारा 420, 406 व 506 का केस दर्ज किया गया है।
