गोरखपुर में पकड़ी गई पांच करोड़ की जीएसटी चोरी, एक करोड़ वसूल
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने शुक्रवार को जीएसटी चोरी का बड़ा मामला पकड़ा। एक ही कारोबारी के दस ठिकानों पर छापेमारी कर करीब पांच करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़ी। कारोबारी ने गलती मानते हुए एक...
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने शुक्रवार को जीएसटी चोरी का बड़ा मामला पकड़ा। एक ही कारोबारी के दस ठिकानों पर छापेमारी कर करीब पांच करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़ी। कारोबारी ने गलती मानते हुए एक करोड़ का चेक जमा कर दिया जबकि एक करोड़ एक सप्ताह बाद जमा करने का वादा किया है। सेंट्रल जीएसटी की टीम की जांच पड़ताल अभी जारी है।
शहर के श्रीलाल मंझानी के पास कमलापसंद (गुटखा)की एजेंसी है। खूनीपुर में उनके छह दुकान व गोदाम हैं। इसके अलावा एक बड़ा गोदाम टीपीनगर क्षेत्र में भी है। उनकी फर्म में दिलीप व आनंद पार्टनर हैं, जिनका घर हुमायूंपुर व घासीकटरा में है। इस पॅर्म के पास दो तीन और एजेंसियां भी हैं। इनकी सभी फर्में बड़े पैमाने पर कारोबार करती हैं और प्रति दिन इनकी लाखों की बिक्री व खरीद होती है। सेंट्रल जीएसटी की निगाह में यह कारोबारी छह महीने तब आए थे जब यह पता चला कि इनके कारोबार के मुकाबले इनके द्वारा जमा किया जाने वाले टैक्स बेहद मामूली है।
खुफिया टीम लगाकर निगरानी शुरू कराई गई तो पता चला कि एक ही ई वे बिल से लगातार तीन चार बार माल मंगाया जाता है।
सूचनाएं पर्याप्त जुट जाने के बाद वाराणसी के ज्वाइंट कमिश्नर आशुतोष ने छापेमारी की योजना तैयार की। शुक्रवार को सबुह गोरखपुर स्थित सेंट्रल जीएसटी कार्यालय पर पहुंचे। खुफिया सूचना जुटा रहे डिप्टी कमिश्नर गोरखपुर परिक्षेत्र डॉ. वीएन संदीप, अधीक्षक अरविन्द व इंसपेक्टर सीएस आजाद की बैठक कर छापेमारी का निर्देश दिया।
टीम में कस्टम के लोगों को भी मदद के लिए शामिल किया गया। पुलिस बुलाई गई और नौ बजे आठ टीमों ने एक साथ कारोबारी के जटाशंकर स्थित आवास, खूनीपुर स्थित छह दुकान व गोदाम, टीपीनगर के गोदाम व कारोबारी के पार्टनरों के हुमायूंपुर व घासीकटरा स्थित आवासों पर छापेमारी शुरू की। करीब दस घंटे तक चली छापेमारी में पांच करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई।
कारोबारी ने दो करोड़ की टैक्स चोरी स्वीकार करते हुए एक करोड़ का चेक जमा कर दिया, जबकि एक करोड़ एक सप्ताह बाद देने का वादा किया। सेंट्रल जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर, अधीक्षक व इंसपेक्टर ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल अभी जारी है। अभी केवल एक कारोबारी कार्रवाई की जद में आए हैं, जल्द से उनसे जुड़े अन्य लोगों तक भी टीम पहुंचेगी। टैक्स चोरी की रकम जरूर जमा कराई जाएगी।