गोरखपुर में बनेगा प्रदेश का पहला ममता केंद्र, 31 मार्च के पहले होगा शिलान्यास
राजधानी लखनऊ और प्रयागराज के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में प्रदेश का तीसरा राजकीय मानसिक मंदित आवासीय विद्यालय (ममता विद्यालय) खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। गोरखपुर का यह...
राजधानी लखनऊ और प्रयागराज के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में प्रदेश का तीसरा राजकीय मानसिक मंदित आवासीय विद्यालय (ममता विद्यालय) खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। गोरखपुर का यह विद्यालय सिर्फ बालिकाओं का ही प्रवेश लेगा, इस इस दृष्टि से यह प्रदेश का पहला विद्यालय होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विद्यालय की मंजूरी देने के साथ 03 करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी कर दिया है। जिला प्रशासन वित्त वर्ष की समाप्ति यानी 31 मार्च के पूर्व इस आवासीय विद्यालय के शिलान्यास की औपचारिकताएं पूर्ण करने में जुट गया है।
गोरखपुर में ममता विद्यालय का निर्माण नार्मल ग्राऊंड में 2 एकड़ जमीन पर किया जाएगा। यह जमीन आईएएस-पीसीएस प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए निर्मित भवन के निकट ही स्थित है। इसके लिए जिला प्रशासन ने 6.35 करोड़ एकड़ प्रस्ताव बना कर भेजा गया था जिसे शासन की मंजूरी मिल गई है। प्रदेश सरकार ने 3 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए हैं। इसके साथ ही जमीन पर कुछ पेड़ निर्माण में बाधा बन रहे थे जिसे काटने की मंजूरी भी जिला प्रशासन ने प्रदान कर दी है। सरकार बरेली में ममता विद्यालय खोलने की तैयारी लेकिन यह विद्यालय छात्र एवं छात्रा दोनों के लिए होगा। प्रदेश सरकार बरेली में भी ममता आवासीय विद्यालय खोलने की तैयारी में है।
कक्षा पांच तक की होगी पढ़ाई
ममता आवासीय विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई होगी। यहां छात्राएं बेसिक शिक्षा भी ग्रहण करेगी। इसके लिए विद्यालय में विशेष शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे। तीज त्योहार या किसी विशेष अवसर पर छात्राओं को घर आने जाने के लिए बस सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। विद्यालय में ऐसी छात्राएं भी प्रवेश ले सकती है जो आवासीय सुविधा नहीं चाहती, उनके लिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
लखनऊ और प्रयागराज में चल रहे विद्यालय
प्रदेश में मानसिक रूप से चुनौती ग्रस्त बालकों-बालिकाओं के लिए एक-एक विद्यालय क्रमशः लखनऊ एवं प्रयागराज में संचालित है। इन दोनों ही आवासीय विद्यालयों में बालकों एवं बालिकाओं को मनोवैज्ञानिक पद्धति से निशुल्क शिक्षा मिलती है। वर्ष 2015-16 से संचालित इन विद्यालयों की आवासीय क्षमता 50-50 के करीब है। इन विद्यालयों में संवासियों को शारीरिक रूप से स्वस्थ के प्रशिक्षण के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण भी मिलता है। इनके भरण पोषण पर सरकार 2000 रुपये प्रतिमाह प्रति संवासी की दर से व्यय करती है।
‘‘दिव्यांजन सशक्तिकरण विभाग को दो एकड़ जमीन नार्मल में उपलब्ध करा दी गई है। शासन ने इसके लिए 3 करोड़ की धनराशि भी दे दिया है। शीघ्र ही शिलान्यास कराया जाएगा। ममता विद्यालय खुलने से गोरखपुर मण्डल की मानसिक मंदित बच्चियों को फायदा मिलेगा।’’
के विजयेंद्र पांडियन, जिलाधिकारी गोरखपुर