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पहले जंगल में पेड़ कटवाए, फिर साक्ष्य मिटाने को जड़ भी

जिन वॉचरों पर जंगल की रखवाली का जिम्मा था, उन्हीं ने वन माफियाओं से मिलीभगत कर बुधवार की रात जंगल में सागौन के पेड़ काट दिए। मुखबीर की सूचना पर तत्काल हरकत में आए वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आए तो...

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गोरखपुर मुख्य संवाददाता,गोरखपुर Sun, 24 May 2020 11:36 AM
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जिन वॉचरों पर जंगल की रखवाली का जिम्मा था, उन्हीं ने वन माफियाओं से मिलीभगत कर बुधवार की रात जंगल में सागौन के पेड़ काट दिए। मुखबीर की सूचना पर तत्काल हरकत में आए वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आए तो भांडा फूट गया। इस मामले में दो वाचर समेत 7 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मुख्य आरोपी वन विभाग के वॉचर मनोहर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। विभाग की इस सख्त कार्रवाई से बौखलाए आरोपियों पर शुक्रवार को साक्ष्य मिटाने के लिए कटे हुए पेड़ों के बूट काटने का आरोप है। इस मामले में शुक्रवार की शाम वन अधिनियम की धारा के अंतर्गत एफआईआर वॉचर अच्छे लाल एवं दो अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।  
बुधवार की रात सागौन के दो पेड़ों के काटने के आरोप में गिरफ्तार किए गए वन विभाग के वॉचर मनोहर के बयान पर वॉचर दारा, रंजेश, सिकंदर, मूसे, बीडम, जीतेंद्र, भीम और मुन्ना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। इस मामले में आरोपी लकड़ी नहीं ले जा पाए थे। डीएफओ को मुखबीर से मिली सूचना के बाद तत्काल हरकत में आए रेंजर रामसूरत यादव एवं वन दरोगा दुर्गा राय ने आरोपियों द्वारा काटी गई लकड़ी बरामद कर ली थी। मुखबीर की सूचना के मुताबिक संदिग्ध वॉचर मनोहर से पूछताछ करने के साथ उसके मोबाइल की जांच पड़ता की गई तो वह टूट गया। अधिकारियों को दिए बयान में उसने बताया कि रंजेश और भीम ने उसे कॉल कर जंगल में सूखे पेड़ को काटने की बात की थी। बदले में उसे और दारा के लिए 1000 रुपये देने का वादा किया था। लेकिन उन्होंने अपने साथियों के साथ मिल कर दो हरे सागौन के पेड़ काट दिए। इस स्वीकारोक्ति के बाद डीएफओ अविनाश कुमार के निर्देश पर मनोहर को गिरफ्तार कर सभी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करा दी गई। मनोहर के पिता अच्छे लाल भी वॉचर है, उनकी भूमिका संदिग्ध मानते हुए उन्हें भी हटा दिया गया। उधर इस कार्रवाई से बौखलाए आरोपियों ने साक्ष्य मिटाने के लिए शुक्रवार को जंगल में काटे गए पेड़ के बूट को खुर्द बुर्द करने का प्रयास किया। उन्होंने लोगों को गुमहार करने के लिए इस हरकत की फोटो भी खिंचाई और वायरल कर दिया। उधर मुखबीर से सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने छापेमारी की लेकिन क्षतिग्रस्त बूट के अलावा कुछ नहीं मिला। लेकिन संदेह के आधार पर वन विभाग ने इस मामले में मनोहर के पिता वॉचर अच्छेलाल, नंगा और वीरेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। इस मामले में नामजद आरोपियों के खिलाफ पहले की कई पेड़ काटने के मामले दर्ज हैं। डीएफओ अविनाश कुमार आरोपियों के खिलाफ पुराने मामलों की डिटेल निकाल सख्त कार्रवाई के मूड में हैं।

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