फर्टिलाइजर ने मांगी मालगाड़ी की दो रेक, बिछ रहा ट्रैक
गोरखपुर। आशीष श्रीवास्तव गोरखपुर खाद कारखाने से रोजाना एक मालगाड़ी यूरिया की आपूर्ति देश...
गोरखपुर। आशीष श्रीवास्तव
गोरखपुर खाद कारखाने से रोजाना एक मालगाड़ी यूरिया की आपूर्ति देश के विभिन्न हिस्सों में की जाएगी। इसके लिए हिन्दुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (हर्ल) ने फिलहाल मालगाड़ी की दो रेक की मांग रेलवे से की है। इसको देखते हुए रेलवे ने भी तैयारी शुरू कर दी है। अक्तूबर में खाद कारखाने का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों किए जाने का ऐलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर चुके हैं।
यूरिया की रोजाना एक रेक लोडिंग और ढुलाई शुरू हो जाने से जहां रेलवे की कमाई बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ गोरखपुर एनई रेलवे का सर्वाधिक माल लोडिंग वाला स्टेशन बन जाएगा। मालगाड़ियों के वेगन में यूरिया को लोड करने में असुविधा न हो इसके लिए फर्टिलाइजर परिसर तक रेललाइन (साइडिंग) के बिछाई जा रही है। रेल लाइन बिछाने का काम राइट्स कर रहा है। लाइन बिछ जाने के बाद रेलवे की एजेंसी द्वारा क्लीयरेंस के बाद ही इसपर मालगाड़ी दौड़ाई जा सकेगी।
अभी गोरखपुर से नहीं है गुड्स लोडिंग
गोरखपुर से गुड्स लोडिंग में कुछ भी नहीं है। यहां सिर्फ गु्डस की अनलोडिंग होती है। यहां माल आता है, जाता कुछ भी नहीं। यूरिया यहां से पहला ऐसा उत्पाद होगा जो सीधे प्लांट से लोड होकर विभिन्न स्थानों के लिए जाएगा।
रोजाना लगभग एक करोड़ की होगी कमाई
रोजाना यूरिया लोड कर बाहर भेजने से रेलवे रोजाना लगभग एक करोड़ की कमाई करेगा। इससे जहां एनई रेलवे उन रेलवे जोन के साथ खड़ा हो सकेगा जो गुड्स में अच्छी कमाई करते हैं वहीं दूसरी ओर यहां सुविधाओं में और बढ़ोत्तरी भी होगी।
48 कोच की एक रेक होगी बीसीएन
मालगाड़ी की एक रेक 48 कोच की होगी। एचयूआरएल से यूरिया लोड कर जो रेक रवाना होगी उसमें 48 वेगन यानी कोच होंगे। पूरी रेक बीसीएन श्रेणी यानी पूरी तरह से पैक होगी। इस वेगन में यूरिया के लोड होने से बारिश, ठंड या गर्मी का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसका लॉकिंग सिस्टम भी काफी एडवांस है। मसलन इसमें से चोरी की भी आशंका न के बराबर होती है।
एचयूआरएल से रोजाना गुड्स की दो रेक की डिमांड है। एचयूआरएल के डिमांड के हिसाब से रेक की व्यवस्था कराई जा रही है। यूरिा के लोडिंग में असुविधा न हो इसके लिए नकहा से प्लांट तक रेल लाइन भी बिछ रही है। इससे सीधे प्लांट से लोडिंग हो जाएगी।
अनिल कुमार सिंह, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक, एई रेलवे
खाद कारखाने का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 3850 मीट्रिक टन की होगी। इसमें से 3000 टन यूरिया मालगाड़ी के जरिए जबकि शेष अन्य माध्यमों से आपूर्ति करने की योजना है। इस दिशा में काम चल रहा है।
सुबोध दीक्षित, वरिष्ठ प्रबंधक, हर्ल