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वन विभाग के अफसरों ने किया स्टिंग, तेंदुए के नाखून, जबड़े और हिरण की सींग बेचते पिता-पुत्र गिरफ्तार

गोरखपुर के डीएफओ ने मंगलवार को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत प्रतिबंधित श्रेणी वन के वन्यजीव के सींग, खाल, सांप का जहर, तेंदुए के नाखून, तेंदुए का जबड़ा, हिरण की सिंग, हत्था जोड़ी,...

वन विभाग के अफसरों ने किया स्टिंग, तेंदुए के नाखून, जबड़े और हिरण की सींग बेचते पिता-पुत्र गिरफ्तार
मुख्‍य संवाददाता ,गोरखपुर Tue, 29 Sep 2020 06:08 PM
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गोरखपुर के डीएफओ ने मंगलवार को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत प्रतिबंधित श्रेणी वन के वन्यजीव के सींग, खाल, सांप का जहर, तेंदुए के नाखून, तेंदुए का जबड़ा, हिरण की सिंग, हत्था जोड़ी, सांप का केचुल, हत्था जोड़ी, हाथी के बाल समेत अन्य अंगों के अवैधानिक कारोबार का खुलासा किया। वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो से मिली सूचना पर टाउनहाल और साहबगंज मंडी में छापा मारकर वनकर्मियों ने पिता पुत्र समेत तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। इस कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक उन्हें मॉल नेपाल और वाराणसी से जुड़े लोगों से मिलता था। फिलहाल वन विभाग की टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है। 

प्रभागीय वन अधिकारी अविनाश कुमार को वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरों से सूचना मिली जिस पर उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 10 लोगों की टीम गठित कर उन्हें दो हिस्से में बांट दिया। टीम के सदस्याेें ने खरीददार बन पूजन सामग्री की दुकानों पर स्टिंग किया। मांग पर दुकानदारों ने उन्हें वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रतिबंधित वन्यजीव के अंग उपलब्ध करा दिए। बदले में रुपये की मांग की। उसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के पास से प्रतिबंधित समुद्री कोरेल (प्रवाल भित्ति) भी बरामद की गई है। चंदन की बिना कागज की लकड़ी भी बरामद की गई। कई तरह की प्रतिबंधित वनस्पतियां भी मिली। 

गिरफ्तार किए गए पशुपति शरण और उनका बेटा विक्रम घोष कम्पनी थाना कोतवाली के निवासी हैं। उनकी टाउनहाल के बगल में पूजा सामग्री और सूखा मेवा की दुकान है। यह दुकान ब्रह्म मेडिकल स्टोर के बगल में है। इस दुकान से पाढ़ा और चितल प्रजाति के हिरण के सींंग बरामद किए गए। सींंग की वे बकायदा बिक्री कर रहे थे। इसी तरह साहबगंज मण्डी स्थित पूजा सामग्री की संचालित करने वाले अविनाश गुप्ता की दुकान पर छापेमारी में आरोपित तंत्र-मंत्र और उत्तेजना बढ़ाने के लिए हत्था जोड़ी अंग बेचते मिला। हालांकि यह हत्या जोड़ी मॉनिटर लिजर्ड के हैं या नकली विभाग वाइल्डलाइफ इंस्टीच्यूट आफ इंडिया में जांच के लिए भेजेगा। गुप्ता की शॉप पर सांप की खाल एवं अन्य चीजे भी मिली। फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार कर वन विभाग की टीम गिरफ्तारी में जुटी है। बरामद अंगों की पहचान में शहीद अशफाक उल्लाह खॉ प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सक योगेश प्रताप सिंह का भी सहयोग लिया गया। 

नेपाल और वाराणसी से जुड़े तार
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें बिक्री के लिए ये अंग वाराणसी और नेपाल से कुछ लोग बिक्री के लिए उपलब्ध कराते थे। कुछ पुजारियों और ज्योतिषियों की सलाह पर लोग इन बस्तुओं को खरीददते थे। ग्राहक की आर्थिक स्थिति का आंकलन और उसकी जरूरत का अंदाजा लगाते हुए आरोपी इन चीजों को तंत्र मंत्र  और अन्य अनुष्ठान के नाम पर उपलब्ध कराते थे। 

टीम में ये रहे शामिल
मुख्यालय वन रेंज गोरखपुर से वन दरोगा विजय कुमार शुक्ला, तिलकोनिया रेंज से वन दरोगा मनीष तिवारी, वन दरोगा अनिल कुमार सिंह, विधि नारायण वर्मा, महेंद्र सिंह, महिला वन रक्षक रूबीना, महिला वन रक्षक रीतु, वन रक्षक महेश कुमार, वाहन चालक राम निवास, ब्रह्मानंद एवं दुर्गेश कुमार शामिल रहे। डीएफओ ने कार्रवाई करने वाली टीम की सराहना की। 

‘‘गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। उनसे मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए विभागीय उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया गया है। कोशिश है इस प्रतिबंधित ट्रेड से जुड़े लोगों की जल्द गिरफ्तारी की जाए।’’
अविनाश कुमार, प्रभागीय वन अधिकारी गोरखपुर

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