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किसानों का दर्द: 'बनिए को न बेचे तो कैसे होगी गेहूं की बुवाई'

गोरखपुर के किसान धान की कटाई और गेहूं की बिजाई की तैयारियों में जुटे हैं। धान बिकेगा तो भी गेहूं के खेत की जुताई, सिंचाई और खाद और गेहूं की बीज खरीदा जाएगा। लेकिन धान की सरकारी खरीद न होने से किसान...

किसानों का दर्द: 'बनिए को न बेचे तो कैसे होगी गेहूं की बुवाई'
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरTue, 13 Nov 2018 01:41 PM
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गोरखपुर के किसान धान की कटाई और गेहूं की बिजाई की तैयारियों में जुटे हैं। धान बिकेगा तो भी गेहूं के खेत की जुताई, सिंचाई और खाद और गेहूं की बीज खरीदा जाएगा। लेकिन धान की सरकारी खरीद न होने से किसान धान की फसल को बिचौलियों के हाथ बेचने को अभिशप्त हैं। किसान की मजबूरी का लाभ उठा कर बिचौलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के 1750 रुपये के बजाए 1100 से 1200 रुपये प्रति कुंतल की दर पर धान खरीद रहे। किसानों का कहना है कि हड़ताल खत्म हो और धान खरीद शुरू हो बिचौलियों पर ज्यादा कीमत देने का दबाव बनेगा।

बड़हलगंज हिन्दुस्तान संवाद के मुताबिक ब्लाक की चार साधन सहकारी समिति पटना, मठिया, बहसुआ--ददरी व टाड़ा बंद हैं। पटना साधन सहकारी समिति के सचिव रविन्द्र पाण्डेय के मुताबिक बकाया वेतन की मांग को लेकर खरीद कार्य का बहिष्कार चल रहा है। हाट शाखा बड़हलगंज के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी हरिहर प्रसाद पाठक कहते हैं कि हाट शाखा बड़हलगंज खुला हैं, किसान यहां धान की बिक्री कर सकते हैं।

10 लाख रुपये और बोरा भी उपलब्ध है लेकिन किसान यहां पहुंच नहीं रहे। उधर खजनी हिन्दुस्तान संवाद के मुताबिक अकेले हाट शाखा खजनी के गोदाम पर सरकारी खरीद की सुविधा उपलब्ध है, अन्य केंद्र बंद हैं। लेकिन किसान अपने नजदीक के केंद्र पर ही प्राथमिकता देते हैं। साधन सहकारी समिति रुद्रपुर, घइशरा, तामा, सिसई, बरया, भीर, सतुआभार समितियां बंद पड़ी हैं।

6600 किसानों के कराया पंजीकरण, तहसील में सत्यापन लंबित

धान की खरीद उन्हीं किसानों की जाएगी जिन्होंने आनलाइन धान खरीद के लिए अपना पंजीकरण कराया है। अब तक 6600 किसानों ने पंजीकरण कराया है लेकिन इनमें अधिकांश के दावों का तहसील से सत्यापन का कार्य लंबित है। इसके अभाव में वे धान की बिक्री नहीं कर पाएंगे। पैकौली के प्रगतिशील किसान रविंद्र राय ने बताया कि धान बिक्री के लिए केंद्र पर गए तो बताया गया, पंजीकरण के रिकार्ड को तहसील से सत्यापित करा कर लाए। तहसील में भारी भीड़ देख कर बिना सत्यापन कराए ही लौट आए। हालांकि सत्यापन का यह कार्य आनलाइन स्वत: ही तहसील कर्मियों को करना है। ऐसे में सत्यापन कार्य में ही 10 दिन का वक्त लग जाएगा।

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