60 दिन में ही धान की फसल की निकल आई बाली, किसानों की पूंजी डूबी
Gorakhpur News - पाली ब्लॉक के 06 गांवों के किसानों को उस समय झटका लगा जब सांभा धान की फसल में निर्धारित समय से पहले ही बाली निकल आई। किसानों ने घघसरा कृषि रक्षा इकाई से खरीदे गए बीज में मिलावट का आरोप लगाया है, जिससे...
घघसरा, हिन्दुस्तान संवाद। जनपद के पाली ब्लॉक अंतर्गत 06 गांवों के किसान उस वक्त हैरान रह गए जब सांभा धान की फसल में निर्धारित समय से पहले ही बाली निकल आई। किसान घघसरा स्थित कृषि रक्षा इकाई गोदाम से बीपीटी 5204 सांभा धान का बीज लेकर खेत में रोपाई किए थे, लेकिन बीज में मिलावट के कारण अब उनकी 50 बीघा से अधिक की फसल बर्बादी की कगार पर है। पाली ब्लॉक के मांट, विड़ार, चंद्राव, डोहरियाकला, रंदौली सहित कई गांवों के किसानों ने शिकायत की है कि घघसरा कृषि रक्षा इकाई गोदाम से खरीदा गया सांभा धान का बीज मिलावटी था।
इस कारण निर्धारित अवधि 135-140 दिन के बजाय केवल 60 दिन में ही खेतों में बाली निकल आई। इससे न केवल धान का विकास अधूरा रह गया, बल्कि पैदावार भी बेहद कम होने की आशंका है। पीड़ित किसानों में रामसजन सिंह, बेचन, रणविजय, रामकेवल, शाधूशरण सिंह, रामबहाल सिंह, तेज बहादुर सिंह, मार्कण्डेय पांडेय और विकास तिवारी सहित दर्जनों किसान शामिल हैं। सभी ने इस मामले की शिकायत कृषि रक्षा इकाई, जिला कृषि अधिकारी व 1076 पोर्टल पर दर्ज कराई है। किसानों का कहना है कि समयपूर्व बाली निकलने से मशीन से कटाई संभव नहीं, मजदूरों की कमी है और पूरी फसल की लागत डूब चुकी है। उधर गोदाम इंचार्ज दुर्गेश कुमार मद्धेशिया ने बताया कि शिकायत के बाद प्रभावित खेतों का निरीक्षण कर रिपोर्ट जिलाधिकारी व कृषि विभाग को भेज दी गई है। हालांकि बताया जा रहा है कि यह समस्या सिर्फ पाली ब्लॉक तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे मंडल में बीपीटी 5204 बीज में मिलावट की शिकायतें आ रही हैं। इस कारण किसानों में भारी नाराजगी है। किसान अब मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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