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50 से ज्‍यादा की उम्र पर रिटायरमेंट को लेकर खलबली, लामबंद हुये कर्मचारी

अनिवार्य सेवानिवृत्त मामले को लेकर 4 अगस्त जिले के सभी कर्मचारी संगठन एक मंच पर आएंगे और इस मुद्दे पर रणनीति तैयार करेंगे। राज्य कर्मचारी शासन के इस नए फरमान पर सवाल उठा रहे हैं...अनिवार्य...

50 से ज्‍यादा की उम्र पर रिटायरमेंट को लेकर खलबली, लामबंद हुये कर्मचारी
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरTue, 01 Aug 2017 07:04 PM
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अनिवार्य सेवानिवृत्त मामले को लेकर 4 अगस्त जिले के सभी कर्मचारी संगठन एक मंच पर आएंगे और इस मुद्दे पर रणनीति तैयार करेंगे। राज्य कर्मचारी शासन के इस नए फरमान पर सवाल उठा रहे हैं...अनिवार्य सेवानिवृत्त नियम केवल कर्मचारियों पर, अधिकारियों पर क्यों नहीं? उत्तर प्रदेश सरकार के अनिवार्य सेवानिवृत्त शासनादेश के मुद्दे को लेकर सिविल डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ भवन पर मंगलवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक हुई। इस दौरान अध्यक्ष रुपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शासन का नियम कहीं से भी उचित नहीं है। राज्य कर्मचारियों के साथ यह भेदभावपूर्ण कार्रवाई है। इस नए शासनादेश से राज्य कर्मचारियों पर बज्र ढहाया जा रहा है। अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस कानून का अधिकारियों द्वारा बेजा इस्तेमाल किया जाएगा। वे कर्मचारियों पर गतल तरीके से दबाव बनाएंगे। दबाव न मामने वाले कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट देंगे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने कहा है कि 4 अगस्त को वे सभी कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ सिंचाई विभाग संघ भवन कार्यालय पर बैठक करेंगे। अनिवार्य सेवानिवृत्त मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे और आगे रणनीति भी बनाएंगे। रूपेश कुमार और अश्वनी श्रीवास्तव ने कहा कि इसके लिए सभी संगठनों के पदाधिकारियों को पत्र भेजा जा रहा है। उनसे सम्पर्क कर एक मंच पर आने के लिए गुजारिश की जा रही है। अनूप कुमार, नुजरत हुसैन और अरुण द्विवेदी, रामकिशुन, अनिल किशोर पांडेय ने अनिवार्य सेवानिवृत्त के लिए स्क्रीनिंग का काम निष्पक्ष तरीके से हो रहा है, यह कैसे तय होगा। यह व्यवस्था केवल कर्मचारियों पर ही क्यों? अब तक केवल कर्मचारियों पर ही कार्रवाई हुई है। किसी अधिकारी के अनिवार्य सेवानिवृत्त का मामला सामने नहीं आया। इस दौरान ओंकारनाथ राय, प्रभुदयाल, फुलई पासवान, रामचंद्र, सुभाष पांडेय, अरविंद सिंह, रामानुज यादव, विजय शर्मा, रवींद्र, यशवीर, पलटू आदि उपस्थित थे। कर्मचारियों ने अपना दर्द बयां किया। 20-25 की उम्र में नौकरी मिलती है। 28-30 की उम्र में कर्मचारी खुद को व्यवस्थित करता है। घर-गृहस्थी बसाता है। जब वह 50 की उम्र तक पूरी कमाई बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और रोटी-दाल में खर्च कर देता है। 50 से 60 की उम्र में ही कर्मचारी बेटे-बेटियों की शादियां करता है और रहने की ठिकाना बनाता है। किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी जिस उम्र में होती है, उसी उम्र उसे सेवानिवृत्त कर दिया जाए। कर्मचारी क्या करेगा? कहां जाएगा?

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