गीडा में बिजली की ट्रिपिंग से उत्पादन प्रभावित , उद्यमी परेशान
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में बिजली की बार-बार ट्रिपिंग...
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में बिजली की बार-बार ट्रिपिंग से फैक्ट्रियों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है। तारों के जर्जर होने से दिन में कई बार ट्रिपिंग होने से बिजली गुल हो जाती है। बिजली कटने से लेकर जनरेटर चालू होने के बीच मशीन में लगा माल खराब होने से उद्यमी परेशान है।
उद्यमियों ने इस समस्या को कई बार उद्योग बंधु की बैठकों में उठाया। बिजली निगम के अधिकारियों को भी जानकारी भी दी। बिजली निगम की ओर से करीब 12 करोड़ रुपये से अंडर ग्राउंड केबिल बिछाने की योजना स्वीकृत है लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
प्रभावित उद्यमियों का कहना है कि गीडा के सभी सेक्टर में यह समस्या है। लंबे समय से यहां के बिजली के तार बदले नहीं गए हैं। ऐसे में सभी सेक्टर के तार जर्जर हो गए है। तेज हवा चलने, पानी बरसने या अन्य कारणों से लाइन ट्रिप हो जाती है। दिन में सात से आठ बार यह स्थिति उत्पन्न होती है। बिजली निगम की ओर से वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। उसपर उद्यमी रोज शिकायत करते हैं लेकिन केवल आश्वासन ही मिलता है।
विनायक उद्योग के आशीष खेतान का कहना है कि बार-बार बिजली कटने से मशीन में लगे पार्ट्स व मोटर जल जाते है। कईबार शिकायत कर चुके। लेकिन समस्या का निस्तारण नही हुआ। ट्राइडेंट स्टील्स के संदीप गोयल कहते है कि हमारी फैक्ट्री में लोहे के फ्लैट बार और स्क्वायर बार बनाए जाते हैं। 1 मिनट के लिए भी बिजली कटती है तो मशीन में जो भी माल है वह स्क्रैप हो जाता है। इसकी वजह से काफी नुकसान हो रहा है।
मिलकर निकालना होगा समाधान
लघु उद्योग भारती के जिला अध्यक्ष दीपक कारीवाल का कहना है कि जर्जर तारों के चलते ट्रिपिंग होती है। बिजली कटने से उद्यमियों का माल खराब होता है। बिजली निगम, गीडा को साथ मिलकर इस समस्या के निराकरण के लिए कार्ययोजना बनानी चाहिए। उद्यमियों का भी सहयोग लिया जा सकता है। आने वाले समय में प्रस्तावित नए उद्योगों के मद्देनजर यह व्यवस्था होनी चाहिए, इससे रोज-रोज की समस्या से छुटकारा मिल सके।
जर्जर तारों की वजह ट्रिपिंग नहीं
ग्रामीण विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता ई. सोमदत्त शर्मा का कहना है कि गीडा में जर्जर तारों के चलते ट्रिपिंग होने की बात सही नहीं है। तारों के चलते ट्रिपिंग होती तो उसे नियंत्रित कर लिया जाता। गीडा में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने से नालियों में पानी जमा होता है, इससे नमी रहती है। कई फैक्ट्रियों के मीटर रूम का रख-रखाव भी ठीक नहीं है। फैक्ट्रियों में लगाए गए आंतरिक प्रोटेक्शन सिस्टम भी सुचारू रूप से काम नहीं करते, जिसके कारण ट्रिपिंग होती है। इस समय मौसम के कारण विपरीत स्थिति है। इससे उद्यमी भी परेशान हैं। हम हर तरह से उनका सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। रात-दिन जब भी जरूरत हो समस्या दूर करने का प्रयास किया जाता है। भूमिगत केबिल लगाने के लिए बजट स्वीकृत है। टेंडर प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव भेजा है, स्वीकृति मिलते ही टेंडर निकालकर काम शुरू करा दिया जाएगा।
फैक्ट्रियो मे प्रोटेक्शन सिस्टम नहीं
गीडा क्षेत्र के एसडीओ पीके सिंह का कहना है कि तीन दिन के दौरान बारिश व आंधी की वजह से बिजली आपूर्ति में समस्या आई थी। अब उसे दुरुस्त कर दिया गया है। उद्यमियों की शिकायत निराधार है। फैक्ट्रियों में प्रोटेक्शन सिस्टम नहीं है। ऐसे में उन्हें दिक्कत होती है। इसमें बिजली निगम क्या कर सकता है। उनसे बार-बार प्रोटेक्शन सिस्टम को ठीक कराने को कहा जाता है।