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बिजली अफसरों ने लाइन लास कम करने का तरीका सीखा

बिजली निगम के अफसरों ने बुधवार को कार्यशाला में  लाइनलॉस कम करने का तरीका सीखा। लाइनलॉस कम करने के लिए टाटा पॉवर के इंजीनियरों की टीम ने बिजली अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया।  इस दौरान टीम ने...

बिजली अफसरों ने लाइन लास कम करने का तरीका सीखा
कार्यालय संवाददाता,गोरखपुर Wed, 30 May 2018 07:54 PM
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बिजली निगम के अफसरों ने बुधवार को कार्यशाला में  लाइनलॉस कम करने का तरीका सीखा। लाइनलॉस कम करने के लिए टाटा पॉवर के इंजीनियरों की टीम ने बिजली अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया।  इस दौरान टीम ने इंजीनियरों को बताया कि उपभोक्ताओं को वास्तविक रीडिंग पर बिल मुहैया कराए, अत्याधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल से लाइनलास को कम किया जा सकता है। यदि गलत बिल बनने पर प्रभावी अंकुश नहीं लगेगा तो एटीसी लाइन लास कम नहीं होगा।

मुख्य अभियंता दफ्तर सभाकक्ष में लाइनलास कम 
करने के तरीकों पर कार्यशाला का आयोजन हुआ
-टाटा पावर के इंजीनियरों की टीम ने बताया तरीका
-उपभोक्ताओं को बिल वास्तविक रीडिंग पर देने
अत्याधुनिक उपकरणों के इस्मेमाल से कम होगी लाइन लास

 
मोहद्दीपुर स्थित मुख्य अभियंता दफ्तर के सभाकक्ष में  सभाकक्ष में गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ जोन के बिजली  अफसरों को लाइनलॉस कम करने के बारे में विस्तार से बताया गया। टीम लीडर रमेश सिंह ने कहा कि बिजली चोरी पर भी अंकुश लगाने के साथ ही वितरण सिस्टम दुरुस्त करना होगा। इसके साथ ही सभी को लाइन लास निकालने का एक ही तरीका अपनाना होगा।

दरअसल केंद्र सरकार की सारथी योजना के तहत उपभोक्ताओं और व्यवस्था से जुड़े कई कार्यों पर बिजली निगम काम कर रहा है। बढ़ रहे लाइनलॉस से चिंतित पॉवर कॉरपोरेशन ने अपने अफसरों को इसे कम करने के लिए प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया। इसके लिए दिल्ली की टाटा पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड से सहायता मांगी है। उसी क्रम में इंजीनियरों की टीम ने कार्यशाला में बिजली इंजीनियरों को  लाइनलास कम करने का गुर बताया।  टाटा पॉवर के विभागाध्यक्ष रमेश कौशल ने बिजली निगम के वितरण और मीटर खंड के अधिशासी अभियंता व एसडीओ को लाइनलॉस कम करने के तरीके के बारे में बताया।

जोन के मुख्य अभियंता  एमके अग्रवाल ने कहा कि तीन कारणों से लाइनलॉस होता है। पहला तकनीकी कारण होता है। इसमें तार और अन्य उपकरणों के इस्तेमाल से आठ से 10 फीसदी लाइनलॉस होता है। उसे कम नहीं किया जा सकता। दूसरा कारण वितरण से होने वाला लाइनलॉस है। इसमें बिजली चोरी होती है। यानी कहीं मीटर को बाइपास कर बिजली चोरी की जा रही है तो कहीं कटिया लगाकर। बिजली चोरी में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। तीसरा कारण बेची गई बिजली के सापेक्ष बिल का न जमा होना। चोरी और पूरे रुपये न जमा होने से एटीसी लाइनलॉस 30 से 35 फीसदी से ज्यादा  है। इस दौरान टाटा पॉवर के चंदन सिंह, अधीक्षण अभियंता शहर एके सिंह, अधिशासी अभियंता एके सिंह, जेपी यादव, वीके चौधरी, मुदित तिवारी, एसडीओ नीति मिश्रा, प्रद्युम्न सिंह आदि मौजूद रहे।

दिल्ली में लाइनलॉस आठ फीसदी
टाटा पॉवर को दिल्ली सरकार ने लाइनलॉस कम करने की जिम्मेदारी दी थी। जब टाटा पॉवर के पास जिम्मेदारी आई उससे पहले दिल्ली में लाइनलॉस 53 फीसदी था। टाटा पॉवर ने वितरण, बिजली बिल से जुड़ी दिक्कतों और चोरी को खत्म करने पर काम किया। वर्तमान में दिल्ली का लाइनलॉस आठ फीसदी है।

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