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जायदाद की लालच में बुजुर्ग से बनाया सम्बंध फिर हत्या की कोशिश

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता पड़ोस में रहने वाली महिला ने संपत्ति की लालच में पहले...

जायदाद की लालच में बुजुर्ग से बनाया सम्बंध फिर हत्या की कोशिश
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरMon, 18 Jan 2021 03:24 AM
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गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

पड़ोस में रहने वाली महिला ने संपत्ति की लालच में पहले बुजुर्ग से संबंध बनाया फिर अपने प्रेमी और आटो चालक की मदद से कुसम्ही जंगल में ले जाकर गला रेता था और उन्हें मरा समझ कर भाग निकले थे। महिला अकेले रह रहे बुजुर्ग की देखभाल करती थी। बाद में उनकी प्रॉपर्टी को लेकर उसके मन में लालच आ गई थी। खोराबार थानेदार ने गोपलापुर की रहने वाली महिला और उसके दो अन्य साथियों को शनिवार की रात में गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से घटना में इस्तेमाल चाकू और ऑटो बरामद किया।

एसपी सिटी सोनम कुमार व सीओ कैंट सुमित शुक्ला ने रविवार की दोपहर पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता कर घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 10 जनवरी की सुबह सात बजे कुसम्ही जंगल में राहगीरों ने खून से लथपथ पड़े बुजुर्ग को देखा था। अचेत पड़े बुजुर्ग के बगल में खून लगा चाकू था। 112 नंबर पर सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस उन्हें मेडिकल कालेज ले गई। होश में आने पर बुजुर्ग की पहचान रामगढ़ताल के गोपलापुर निवासी सुदामा यादव के रूप में हुई। जांच में पर पता चला कि 9 जनवरी को सुदामा अपने पड़ोस में रहने वाली महिला गुड़िया उसके प्रेमी बेतियाहाता निवासी अर्जुन चौहान और रामगढ़ताल में दुर्गा मंदिर के पास रहने वाले ऑटो चालक अमित साहनी के साथ तरकुलहा देवी मंदिर गए थे। तबसे उनका कुछ पता नहीं चला। सुदामा अकेले रहते थे। उनकी देखभाल गुड़िया करती थी।

तीनों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। गुड़िया ने पुलिस को बताया कि देखभाल करने के दौरान सुदामा से उसके संबंध हो गए थे। उसके परिवार में कोई नहीं था। इसलिए मकान और जमीन हड़पने के लिए उसने अपने प्रेमी अर्जुन के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई थी। 9 जनवरी को घूमने के बहाने ऑटो से वे लोग सुदामा को तरकुलहा देवी मंदिर ले गए। जहां शराब पीने के बाद सभी लोगों ने भोजन किया। लौटते समय बुढ़िया माई मंदिर जाने की बात कहकर सुदामा को अपने साथ कुसम्ही जंगल ले गए। शाम 5 बजे के करीब चाकू से गला रेतकर आटो से नीचे फेंक दिया। उन्हें यकीन था कि सुदामा मर गए होंगे, लेकिन वह जिंदा थे।

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