पैसेंजर ट्रेनों के न चलने से रोड पर बढ़ा 10 हजार वाहनों का बोझ
लॉकडाउन खत्म होने के बाद सबकुछ खुल गया, लेकिन ट्रेनों का संचालन अभी तक पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सका है। कोरोना काल से पहले गोरखपुर जंक्शन से जहां 17 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती थी वहीं आज एक भी नहीं...
लॉकडाउन खत्म होने के बाद सबकुछ खुल गया, लेकिन ट्रेनों का संचालन अभी तक पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सका है। कोरोना काल से पहले गोरखपुर जंक्शन से जहां 17 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती थी वहीं आज एक भी नहीं चल रही है। इससे सड़कों पर करीब 10 हजार अतिरिक्त वाहनों का दबाव बढ़ गया है। गोरखपुर और आसपास जाम लगने के कारणों में एक प्रमुख यह भी है।
गोरखपुर से चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों से काफी संख्या में एमएसटी धारक कप्तानगंज, बस्ती, उनौला, चौरीचौरा आकर काम खत्म करने के बाद उसी दिन लौट आते थे। कोरोना की वजह से ये ट्रेनें बंद हो गईं तो सभी के सामने आने-जाने का संकट आ गया। ऐसे में मजबूरन कइयों ने अपने निजी साधन से आना-जाना शुरू कर दिया। इसी वजह से सुबह और शाम के वक्त अक्सर ही शहर के प्रमुख चौराहों पर जाम की स्थिति हो जाती है। जून से एक्सप्रेस ट्रेनों का संचलन तो शुरू कर दिया गया था लेकिन पैसेंजर ट्रेनों को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है। आगामी दिनों में भी अभी इनके चलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही लेकिन आरक्षित टिकट पर ही यात्रा करने के नियम से यात्री इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
शहर के दस चौराहों पर प्रतिदिन लगते हैं जाम
शायद ही कोई ऐसा दिन हो, जब शहर की सड़कों पर जाम न लगता हो। खासकर कुछ चौराहे तो ऐसे हैं, जिन पर सुबह से लेकर देर शाम तक जाम लगा रहता है। एसपी सिटी ने सबसे अधिक 10 ऐसे चौराहों को चिह्नित किया है। इन चौराहों पर वाहनों के रुक कर सवारी चढ़ाने और उतारने तथा चौराहे के चारों तरफ दुकानें लगी होने की वजह से जाम की समस्या लाइलाज मर्ज की तरह हो गया है।
इन चौराहों पर सर्वाधिक जाम
मोहद्दीपुर, पैडलेगंज, फलमंडी, आजाद चौक, ट्रांसपोर्टनगर, रेलवे चौकी तिराहा, धर्मशाला चौकी चौराहा, बेतियाहाता, असुरन और सीएस चौराहा का सर्वाधिक जाम के रूप में चिह्नित किया गया है।