डीएसओ ने रविवार की शाम तक मांगी खाद्यान निकासी जांच रिपोर्ट
गोरखपुर के उरुवा विकास खण्ड की ग्राम पंचायत नगवा प्रेम में ग्राम प्रधान द्वारा एक साल के मिड-डे-मील (एमडीएम) की एकमुश्त निकासी के प्रकरण को जिला पूर्ति अधिकारी ने गंभीरता से लिया है। जिला पूर्ति...
गोरखपुर के उरुवा विकास खण्ड की ग्राम पंचायत नगवा प्रेम में ग्राम प्रधान द्वारा एक साल के मिड-डे-मील (एमडीएम) की एकमुश्त निकासी के प्रकरण को जिला पूर्ति अधिकारी ने गंभीरता से लिया है। जिला पूर्ति अधिकारी आनंद सिंह ने पूर्ति विभाग के निरीक्षक अरुण सिंह को मामले की जांच सौंप दी है। रविवार की शाम तक उनसे जांच रिपोर्ट मांगी है। बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी होगा, कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम पंचायत नगवा प्रेम के प्राथमिक विद्यालय धनंजयपुर, पूर्व माध्यमिक विद्यालय धनंजयपुर व प्राथमिक विद्यालय नगवा प्रेम (परिषदीय) संचालित है। इन विद्यालयों के लिए एमडीएम खाद्यान अक्तूबर 2018 से सितंबर 2019 तक हाट शाखा से उठान नहीं किया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हनुमान गुप्ता ने गुरुवार को 41 कुंतल गेहूं और चावल की उठान की। कोटेदार अच्छे लाल ने भी इसकी पुष्टी किया कि उन्होंने खाद्यान उठाया है। विपणन निरीक्षक ऊरुवा ने बताया कि 22 अगस्त को 82 बोरा एमडीएम हाट शाखा से लिया गया। यह खाद्यान उनके पास पड़ा था जिसकी पूर्व में निकासी नहीं कराई गई थी।
कोटेदार और ग्राम प्रधान में छत्तीस का आंकड़ा
ग्रामीणों का कहना है कि कोटेदार और ग्राम प्रधान में छत्तीस आंकड़ा है। यही वजह है कि मिड-डे-मील के खाद्यान की कोटेदार ने उठान ही नहीं किया, न ही ग्राम प्रधान ने कराया। अब एक मुश्त खाद्यान का उठान किया गया।
उठे सवाल
अब बड़ा सवाल है कि मिड-डे-मील शासन की प्राथमिकता में है। क्या अक्तूबर 2018 से अब तक तीनों विद्यालयों में मिड-डे-मील बना ही नहीं? हालांकि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि का दावा है कि विद्यालयों में प्रतिदिन मिड-डे-मील बनाया गया। दूसरी बात क्या मिड-डे-मील के लिए खाद्यान स्थानीय कोटेदार से नहीं मिल रहा था तो ग्राम प्रधान या विद्यालयों में मिड-डे-मील के लिए जिम्मेदार शिक्षकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को इसकी सूचना दी? कोटेदार यदि खाद्यान नहीं दे रहा था तो इसकी सूचना जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय को ग्राम प्रधान ने दी थी?