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गोरखपुर में पर्यटन की असीम संभावनाएं, सब मिलकर करें ब्रांडिंग

गोरखपुर व आस पास पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। कहीं जाकर पर्यटक जब एक भी रुपये खर्च करता है तो उससे कई लोगों को रोजगार मिलता है। यहां के तमाम ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल, रामगढ़ झील, चिड़ियाघर के अलावा...

गोरखपुर में पर्यटन की असीम संभावनाएं, सब मिलकर करें ब्रांडिंग
वरिष्‍ठ संवाददाता ,गोरखपुरFri, 27 Sep 2019 10:30 PM
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गोरखपुर व आस पास पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। कहीं जाकर पर्यटक जब एक भी रुपये खर्च करता है तो उससे कई लोगों को रोजगार मिलता है। यहां के तमाम ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल, रामगढ़ झील, चिड़ियाघर के अलावा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, कबीर की निर्वाणस्थली मगहर आदि तमाम ऐसे जगह हैं, जहां का पर्यटन के हिसाब से विकास हो रहा है। बस जरूरत है ब्रांडिंग की। सभी मिलकर इसकी ब्रांडिंग करें तो गोरखपुर के विकास को पंख लग जाएंगे।   

यह बातें डीएम के विजयेन्द्र पांडियन ने विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में कही। विजय चौराहा स्थित मॉल के होटल में आयोजित संगोष्ठी की थीम थी, ‘पर्यटन एवं रोजगार: सभी के लिए बेहतर भविष्य’। डीएम वे विषय को आज के परिदृश्य में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के होटल खुल रहे हैं। हवाई सेवा से अब गोरखपुर सभी प्रमुख महानगरों से जुड़ा चुका है। भविष्य में यहां अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी खुलेगा इसकी जगह चिह्नित की जा चुकी है। महेसरा के पास अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डा बनेगा। यहां से प्रति दिन नेपाल के लिए बस चलेगी। रेलवे पहले से समृद्ध है, गोरखपुर से देश के हर कोने के लिए ट्रेन है। ताज, मैरिएट जैसे नामी होटल खुलने वाले हैं। यहां सफाई आज भी चुनौती है। हम लोग इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। लोगों में यह भाव होना चाहिए कि अतिथि हमारा देवता है तभी लोग बाहर से यहां आएंगे। 

उन्होंने कहा कि देश भर में पर्यटकों के हिसाब से यह उद्योग देखें तो इसमें सबसे अधिक भागीदारी यूपी के लोगों की होती है।  कार्यक्रम में बौद्ध संग्रहालय के उप निदेशक डॉ. मनोज गौतम, इंटेक के अचिंत्य लाहिड़ी ने भी अपने विचार रहे। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवीन्द्र मिश्र ने संचालन करते हुए कहा कि गोरखपुर में पर्यटन विकास पर दो हजार करोड़ से  अधिक का बजट खर्च किया जा रहा है। 

एक-एक ऐतिहासिक व धर्मस्थल का माडर्नाइजेशन किया जा रहा है। रामगढ़ झील व चिड़ियाघर अगले साल अपने पूरे अस्तित्व में आ जाएंगे। रामगढ़ झील थाना बनने के बाद वहां जल्द ही वाराणसी के तर्ज पर सुबह योगा व शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां प्रारंभ कर दी जाएंगी। होटल में महाप्रबंधक ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में शहर के प्रमुख होटल व्यवसायी व कारोबारी उपस्थित रहे। 

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