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अपहरण के बाद गोली मार दिव्यांग की हत्या, देवरिया में मिली लाश

शुक्रवार की शाम को अपहृत हुए दिव्यांग उमेश यादव की अपहर्ताओं ने गोली मारकर हत्या कर दी। शनिवार की सुबह देवरिया कोतवाली के सरौरा में उसका शव मिला पर रविवार को उसकी पहचान हुई। खोराबार इलाके के जंगल...

अपहरण के बाद गोली मार दिव्यांग की हत्या, देवरिया में मिली लाश
खोराबार हिन्दुस्तान संवाद  ,गोरखपुर Sun, 03 Nov 2019 06:15 PM
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शुक्रवार की शाम को अपहृत हुए दिव्यांग उमेश यादव की अपहर्ताओं ने गोली मारकर हत्या कर दी। शनिवार की सुबह देवरिया कोतवाली के सरौरा में उसका शव मिला पर रविवार को उसकी पहचान हुई।
खोराबार इलाके के जंगल चंवरी, अयोध्या टोला से अपह़्त दिव्यांग उमेश यादव(40) के सिर, चेहरे और शरीर पर चोट के निशान थे। आशंका जताई जा रही है कि अपहरण करने वाले कार सवार तीन युवकों ने गोली मारकर उसकी हत्या की और शव को फेंका है। उधर खोराबार पुलिस ने केस दर्ज कर शक के आधार पर दिव्यांग के भाई अशोक की पत्नी सुमन, सुमन के भाई नई बाजार निवासी धीरज और एक अन्य परिचित युवक विजय को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

रिश्तों का कत्ल
भाभी और रिश्तेदार पर दर्ज है हत्या के नीयत से अपहरण का केस
शुक्रवार की शाम को कार सवारों ने किया था दिव्यांग उमेश को अगवा
शनिवार को ही मिल गई थी देवरिया कोतवाली क्षेत्र में लाश की सूचना
पहचान कराने में खोराबार पुलिस ने लगाए 24 घंटे

अयोध्या टोल निवासी उमेश दोनों पैर से दिव्यांग हैं। उनकी शादी नहीं हुई है। पिता रामानंद का देहांत हो चुका है। वह अपने छोटे भाई अशोक व उसकी पत्नी सुमन व मां के साथ रहते थे। उमेश शुक्रवार की शाम छह बजे घर के बाहर बैठे थे। तभी कार सवार तीन युवक आए और उमेश को जबरन गाड़ी में बैठाकर फरार हो गए। जानकारी होने पर उमेश के छोटे भाई अशोक थाने पहुंचे और अपनी पत्नी व साले के खिलाफ शक जताते हुए तहरीर दी है।
 आरोप है कि उनके हिस्से के एक बीघा जमीन के लिए सुमन अक्सर उनके भाई को पीटती थी। इसी के लिए नई बाजार स्थित अपने मायके से भाई को बुलाकर अपहरण करा दिया। पुलिस ने अशोक की पत्नी सुमन, साले धीरज और उसके एक परिचित चंवरी निवासी विजय यादव को हिरासत में ले लिया है। बाद में पुलिस ने शक के आधार पर भाई अशोक की तहरीर पर सुमन, उसके भाई धीरज और परिचित विजय के खिलाफ केस अपहरण का केस दर्ज कर लिया।

जिंदा नहीं बरामद कर पाई पुलिस
दिव्यांग उमेश के अपहरण के एक घंटे बाद ही परिजनों ने पुलिस को तहरीर दी। पहले तो पुलिस ने इसे हल्के में लिया और बाद में शक्रिय हुई पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुट गई और दो टीमें बना दी। पुलिस दावा करती रही कि जल्द ही उसे बरामद कर लिया जाएगा। लेकिन जिंदा बरामद करने में पुलिस नाकाम रही।

24 घंटे बाद खोराबार पुलिस ने कराई पहचान
देवरिया पुलिस को शनिवार की सुबह दिव्यांग का शव मिला था। वहां की पुलिस ने खोराबार पुलिस को उसी दिन शव मिलने की सूचना दे दी थी। लेकिन खोराबार पुलिस ने उमेश के घरवालों को रविवार को बताया। इसके बाद छोटे भाई अशोक, ग्राम प्रधान अनिल सहित अन्य परिजन पहुंचे और मोबाइल में ली गई तस्वीर के आधार पर पहचान की। देवरिया पुलिस ने पंचनामा भरवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

जमीन को लेकर हत्या की आशंका
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अशोक की पत्नी की कार सवार एक युवक और गांव के एक युवक से जान पहचान है। बताया जा रहा है कि उसी के कार से शुक्रवार की शाम को दिव्यांग को उठाया गया। चूंकि दिव्यांग के हिस्से में डेढ़ डिस्मिल बेशकीमती जमीन थी। उसी के जबरन रजिस्ट्री के लिए अपहरण किया गया था। बताया जा रहा है कि तत्काल मामला पुलिस के पास पहुंच गया तो बचने के लिए अपर्ह्तओं ने हत्या कर शव को फेंक दिया। चर्चा ये भी है कि छोटे भाई की पत्नी हमेशा दिव्यांग को प्रताड़ित भी करती थी।

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