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जिले के 800 बंदूक-रायफलें होम क्वारंटीन

लॉकडाउन के बीच कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि उनके लाइसेंसी शस्त्र भी डरा रहे हैं। जिले में 800 से अधिक लोगों के शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण की तिथि इस लॉकडाउन के बीच खत्म हो गई...

जिले के 800 बंदूक-रायफलें होम क्वारंटीन
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरTue, 02 Jun 2020 12:58 AM
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लॉकडाउन के बीच कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि उनके लाइसेंसी शस्त्र भी डरा रहे हैं। जिले में 800 से अधिक लोगों के शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण की तिथि इस लॉकडाउन के बीच खत्म हो गई है। ऐसे में इतनी ही बंदूक-राइफलें होम क्वारंटीन में हैं। मसलन घरों के लॉकरों में बंद हैं। इन सभी बंदूकों को पूरी तरह से लॉकडाउन खुलने का इंतजार है। ये सभी शस्त्र अब तभी क्वारंटीन से बाहर आएंगे जब लाइसेंस का नवीनीकरण हो जाएगा। वैद्यता खत्म हो जाने वाले लाइसेंसिंयों को अब असलहे अवैध होने के साथ ही नवीनीकरण के समय लेट फीस की भी चिंता सता रही है।

यही वजह है कि तमाम प्रतिबंधों के बाद भी रोजाना कुछ लोग कलेक्ट्रेट स्थित शस्त्र कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। शस्त्र अनुभाग के लॉकडाउन बंद होने और यहां के कर्मचारियों के कंट्रोल रूम में ड्यूटी लगने के चक्कर में लाइसेंस का कोई भी काम नहीं हो पा रहा है।

रजिस्ट्री, कोषागार जैसे कुछ दफ्तरों को छोड़ ज्यादातर सरकारी दफ्तरों में अभी भी आम आदमी के लिए एंट्री प्रतिबंधित है। यही हाल शस्त्र कार्यालय का भी है। पहले तो एक महीने तक दफ्तर बंद रहे फिर 20 अप्रैल से खुले तो लेकिन संक्रमण के खतरे की वजह से कलेक्ट्रेट परिसर में ही अभी आम लोगों को एंट्री नहीं दी जा रही है। ऐसे में जिनके शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण की तिथि खत्म हो गई या फिर आने वाले दो-चार, दस दिन में खत्म होने वाली है वे परेशान है। समय पर लाइसेंस नवीनीकरण नहीं होने की लेट फीस लगती है। साथ ही शस्त्र अवैध होने का चिंता सो अलग।

लाकडाउन की वजह से दो महीने से नवीनीकरण का काम नहीं हो सका है। जिन लोगों के शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ है वे कहीं भी शस्त्र न ले जाएं। जल्द ही नवीनीकरण का काम शुरू कराया जाएगा। कोशिश होगी कि जिनका एक महीने लैप्स हुआ है उन्हें लेट फीस न देना पड़े

के. विजयेन्द्र पाण्डियन, डीएम

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