कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर मंगलवार को अलग-अलग स्थानों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने राजघाट के राप्ती नदी पर स्नान किया। इसके अलावा अन्य लोगों ने गोरखनाथ मंदिर, सूरजकुंड व अपने घरों में स्नान किया।
राप्ती तट पर स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ गया। दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं ने देर रात से ही अपना स्थान ग्रहण कर लिया। इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त में ही श्रद्धालुओं ने स्नान करना शुरु कर दिया। राजघाट के स्थित दुर्गा मंदिर पर श्रद्धालुओं के ठहरने कमी व्यवस्था की गई थी। रात में घाट व मंदिर पर भजन कार्यक्रम चलता रहा। सुबह भंडारे का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने खीर, पूड़ी, सब्जी आदि प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।

कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान लोगों ने बड़ी संख्या में स्नान कर सूर्य देवता व मां गंगा मां की पूजा व आरती की। इस दौरान लोगों ने गो-दान भी किया। गोदान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। इस दौरान राजघाट पर मेला भी लगा रहा। श्रद्धालुओं ने स्नान पूजन आदि के बाद मेले में खरीदारी की। श्रद्धालुओं के साथ आए बच्चों ने मेले का लुत्फ उठाया। छोटे बच्चे खिलौने की तरह आकर्षित होते दिखे तो वहीं दूसरी तरफ महिलाएं घरेलू सामानों की खरीदारी कर रहीं थी। मेले में दूर-दूर से आयी महिलायें विशेष कर सूप, चलनी, चौका, किचन के सामान व श्रृंगार के सामानों की खरीदारी कर रहीं थी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले व श्रद्धालुओं के स्नान के पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। जिला प्रशासन की तरफ से लोगो को सुरक्षित स्नान करने के लिये बांस-बल्ली की मदद से नदी में बैरिकेडिंग किया गया था। साथ ही मेले में पुलिसकर्मी जगह-जगह तैनात नजर आए। एनडीआरएफ की टीम लगातार बोट से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए नदी में घाट के किनारे घूमती नजर आई।