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गोरखपुर में एम्‍स बनाने में हो रही देरी, अधिकारियों की सुस्‍ती जिम्‍मेदार

गन्ना शोध संस्थान और गन्ना विभाग की लापरवाही से एम्स का निर्माण शुरू होने में देर हो रही है। गन्ना शोध संस्थान परिसर स्थित भवनों को ढहाकर भूमि को समतल कराना है। इसके बाद उसे निर्माण एजेंसी हाइड को...

गोरखपुर में एम्‍स बनाने में हो रही देरी, अधिकारियों की सुस्‍ती जिम्‍मेदार
अरविंंद राय ,गोरखपुर Thu, 18 Jan 2018 11:47 AM
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गन्ना शोध संस्थान और गन्ना विभाग की लापरवाही से एम्स का निर्माण शुरू होने में देर हो रही है। गन्ना शोध संस्थान परिसर स्थित भवनों को ढहाकर भूमि को समतल कराना है। इसके बाद उसे निर्माण एजेंसी हाइड को स्थानांतरित करना है। अभी तक विभागों ने भवनों को गिराने के लिए टेंडर प्रक्रिया ही नहीं शुरू की है। जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने इसके लिए जिम्मेदार विभागों से प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने को कहा है।

गन्ना शोध संस्थान के भवनों को गिराने का अभी तक नहीं हुआ टेंडर

28 फरवरी तक निर्माण एजेंसी हाइड को देनी है समतल कर के भूमि

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना शोध संस्थान की 112 एकड़ भूमि एम्स के लिए दी है। इस परिसर में 4 एकड़ में भवन स्थित हैं जिन्हें गन्ना शोध संस्थान और गन्ना विभाग को गिरवाना है। भूमि समतल कराकर एम्स निर्माण एजेंसी हाइड को देनी है। जिलाधिकारी राजीव रौतेला के निर्देश पर सीडीओ द्वारा एम्स की समीक्षा बैठक में जो बात सामने आई है उससे एक बात साफ हो गई कि निर्माण प्रक्रिया शुरू होने में अभी और देर लगेगी।

गन्ना शोध संस्थान का मुख्यालय शाहजहांपुर में है। संस्थान के निदेशक वहीं बैठते हैं। गन्ना शोध संस्थान परिसर में विभाग तथा गन्ना विभाग के कार्यालय और कर्मचारियों के आवास हैं, जिन्हें गिराने की जिम्मेदारी दोनों विभागों की है। अब तक इन विभागों ने इसे गिराने के लिए टेंडर प्रक्रिया ही शुरू नहीं की है। भवन गिराने, मलवा हटवाने और भूमि समतल कराकर निर्माण एजेंसी हाइड को देने की तिथि 28 फरवरी तय है। अधिकारियों का कहना है कि इस हालात में भूमि 28 फरवरी तक निर्माण एजेंसी को मिल पानी सम्भव नहीं है।
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कार्यालय भी नहीं हुए शिफ्ट
गन्ना शोध संस्थान और गन्ना विभाग के अधिकारियों के कार्यालय किराए पर भवन लेकर 30 नवम्बर तक ही शिफ्ट किए जाने थे। बावजूद इसके अभी तक किराए पर भवन नहीं लिए गए और न ही गन्ना शोध संस्थान परिसर से हटाकर कार्यालय ही शिफ्ट किए जा सके।
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उपकेंद्र निर्माण में जुटा बिजली निगम
बिजली निगम के लिए 70 गुणा 70 वर्गमीटर भूमि आरक्षित की गई है। निगम ने यहां उपकेंद्र निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उपकेंद्र में 9 फीडर के जरिए एम्स को बिजली आपूर्ति की जानी है। 95 फीसदी केबल बिछ गई है। जिम्मेदारों का कहना है कि समतल भूमि मिलने के ठीक 4 माह में उपकेंद्र स्थापित हो जाएगा। 
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एम्स निर्माण एक नजर में 

एम्स : गन्ना शोध संस्थान परिसर में बन रहा है
आवंटित जमीन : 112 एकड़
खाली जमीन : 108 एकड़
भवन बने हैं : 04 एकड़
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इन भवनों को हटाया जाना है
-गन्ना शोध संस्थान कार्यालय भवन
-गन्ना विभाग का कार्यालय भवन
-अधिकारियों के कार्यालय भवन
-कर्मचारियों के आवासी भवन
-3 ट्यूबवेल
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हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते काटने हैं 485 पेड़
गन्ना शोध संस्थान परिसर में छोटे-बड़े 485 पेड़ हैं। एम्स निर्माण के लिए इन्हें काटा जाना है। पेड़ काटने को लेकर हाईकोर्ट का निर्देश है। प्रशासन हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए ही पेड़ों को कटवाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत की जा रही है।

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