तीन महीने में सोलर पैनल से डीडीयू ने बचाए 25 लाख
डीडीयू में सोलर पैनल से तीन महीने में 25 लाख रुपये की बचत हुई है। एमएमएमयूटी में भी इस पैनल से हर महीने 8 से 10 लाख रुपये बिजली बिल बचाए जा रहे हैं। डीडीयू में जहां पहले बिजली का बिल हर महीने 30 लाख...
डीडीयू में सोलर पैनल से तीन महीने में 25 लाख रुपये की बचत हुई है। एमएमएमयूटी में भी इस पैनल से हर महीने 8 से 10 लाख रुपये बिजली बिल बचाए जा रहे हैं। डीडीयू में जहां पहले बिजली का बिल हर महीने 30 लाख के आस पास आता था, वहीं अब यह घटकर 21 से 22 लाख रह गया है। दोनों कैंपस में सौ किलोवाट के सोलर पैनल लगाए गए हैं। इस परियोजना से पूरा कैंपस आच्छादित नहीं हो सका है।
तीन महीने पहले डीडीयू में सोलर पैनल लगाने का काम पूरा हुआ। इसके बाद कैंपस के एक तिहाई हिस्से में सौर ऊर्जा से बिजली सप्लाई प्रारंभ की गई। पहले ही महीने में बिजली बिल घट कर 22 लाख पर आ गया। यही क्रम अब भी जारी है। सौर ऊर्जा वाले क्षेत्र में बिजली बाधित होने की समस्या भी समाप्त हो गई है। अकाउंट विभाग ने बताया कि अभी जितनी सौर ऊर्जा से बिजली मिल रही है, उसके बदले केवल 3.91 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल देना है। बिजली निगम से ली जा ही बिजली का बिल सवा 7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से अदा करना पड़ता है।
एमएमएमयूटी में करीब डेढ़ साल पहले सोलर पैनल से बिजली सप्लाई शुरू की गई। इंजीनियर अमित शंकर बताते हैं कि यह पूरे कैंपस में नहीं लगा था फिर भी इससे विवि को हर महीने 8 से 10 लाख रुपये बिजली बिल की बचत हो रही है। यह पहल बेहद शानदार साबित हो रही है। इसमें खासियत यह है कि बिजली बाधित होने की समस्या नहीं रहती है।
एमएमएमयूटी में 450 किलोवाट का और लगा सोलर पैनल
एमएमएमयूटी में इसी महीने 450 किलो वाट का एक और सोलर पैनल सिस्टम लगा है। अभी इसका शुभारंभ नहीं हो पाया है। इंजीनियर अमित शंकर ने बताया कि 24 फरवरी को गोरखपुर आ रहे पीएम से इसके लोकार्पण की योजना है। यह सिस्टम सरकार की पहल पर पूरी तरह से नि:शुल्क लगा है। विवि का एक भी रुपया नहीं खर्च हुआ है। इसका इस्तेमाल शुरू होने के बाद बिजली बिल करीब आधा हो जाएगा। पहले एमएमएमयूटी में बिजली का बिल 38 से 39 लाख रुपये प्रति महीने आता था।