कॉलेजों की संबद्धता को अब नहीं काटने होंगे DDU के चक्कर
डीडीयू में कॉलेजों की संबद्धता के लिए अब प्रबंधकों या प्राचार्यों को विवि के चक्कर नहीं काटने होंगे। शासन के निर्देश पर अगले सत्र से कॉलेजों को ऑनलाइन संबद्धता दी जाएगी। इसके लिए वेबसाइट तैयार करने...
डीडीयू में कॉलेजों की संबद्धता के लिए अब प्रबंधकों या प्राचार्यों को विवि के चक्कर नहीं काटने होंगे। शासन के निर्देश पर अगले सत्र से कॉलेजों को ऑनलाइन संबद्धता दी जाएगी। इसके लिए वेबसाइट तैयार करने की जिम्मेदारी यूपीडेस्को को दी गई है।
अच्छी खबर
-अगले सत्र से डीडीयू में कॉलेजों को मिलेगी ऑनलाइन संबद्धता
-सॉफ्टवेयर तैयार करने की जिम्मेदारी यूपीडेस्को को मिली है
-प्रमुख सचिव ने ऑनलाइन प्रक्रिया में तेजी लाने के दिए निर्देश
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने एक सप्ताह पहले ही डीडीयू के कुलसचिव को पत्र भेज कर ऑनलाइन संबद्धता की प्रक्रिया में तेजी में लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री ने सरकार बनने के कुछ ही महीने बाद सभी राज्य विवि को ऑनलाइन संबद्धता देने के निर्देश दिए थे। डीडीयू कुलपति प्रो. वीके सिंह ने यूपीडेस्को को विवि के डिजिटाइजेशन की जिम्मेदारी दी है। इसमें ऑनलाइन संबद्धता का सॉफ्टवेयर तैयार करने की जिम्मेदारी भी शामिल है। कंपनी ने ऑनलाइन आवेदन का प्रारूप तैयार कर लिया है। अन्य कार्य भी तेजी से चल रहे हैं। जल्द ही सॉफ्टवेयर तैयार कर अपलोड कर दिया जाएगा। ट्रायल के बाद इसका संचालन संबद्धता विभाग करेगा। सत्र-2018 के लिए मैनुअल तरीके से ही संबद्धता का प्रक्रिया चल रही है। 30 मई तक यह समाप्त हो जाएगा। इसलिए ऑनलाइन संबद्धता की प्रक्रिया अगले सत्र से लागू होगी। दिसंबर से प्रक्रिया संबद्धता के लिए कॉलेज आवेदन देना शुरू करते हैं। इसके बाद कैंपस व संसाधनों का सत्यापन, शिक्षकों के पैनल का सलेक्शन आदि प्रक्रियाओं के बाद 30 मई तक संबद्धता जारी की जाती है। मैनुअल प्रक्रिया के दौरान कई बार कॉलेजों की संबद्धता के लिए प्रबंधकों या प्राचार्यों को विवि के चक्कर काटने पड़ते थे। इसमें तमाम तरह के आरोप प्रत्यारोप भी लगते थे। माना जा रहा है कि ऑनलाइन प्रक्रिया लागू होने से संबद्धता पर सवाल उठने के मामलों पर विराम लग जाएगा।