जघन्य:सपनों में आकर डराने लगी बेटी, तब कबूला जुर्म
बेटी की हत्या के बाद जयप्रकाश ने खुद को सामान्य करने की पूरी कोशिश की लेकिन रात में खौफनाक सपने देखकर वह बुरी तरह डर जा रहा था। वह सपने में बेटी की चीख, हत्या, चाकू से गला काटने और खून से सने हाथों...
बेटी की हत्या के बाद जयप्रकाश ने खुद को सामान्य करने की पूरी कोशिश की लेकिन रात में खौफनाक सपने देखकर वह बुरी तरह डर जा रहा था। वह सपने में बेटी की चीख, हत्या, चाकू से गला काटने और खून से सने हाथों को देखता और नींद से चौंककर जग जाता था। इस वजह से वह कई दिन से सो नहीं पा रहा था। दामाद और बड़ी बेटी ने जब उससे छोटी के बारे में पूछा तो उसने दामाद से उसकी हत्या की बात कबूल कर ली।
जय प्रकाश गुप्ता घर में ही किराने की दुकान चलाता था और गांव में घूमकर अनाज (गेहूं-धान) की खरीद-बिक्री करता था। दिल्ली में रह रहे जयप्रकाश गुप्ता की बड़ी बेटी पूजा और दामाद विपिन ने प्रतिमा से बात करने के लिए कई बार फोन किया लेकिन बात नहीं हुई। उसने पिता से भी बात कराने को कहा लेकिन वह बार-बार यही कहता था कि प्रतिमा शहर में कहीं रह रही है। उसे ज्यादा जानकारी नहीं है।
छिपा नहीं पाया घटना को :
जयप्रकाश ने जिस घर में बेटी की हत्या की थी, उसमें वह अकेले ही रह रहा था। रात में उसे बेटी की चीख सुनाई देती थी। डरावने सपने आने पर वह घर के बाहर चला जाता था। इस डर के चलते वह टूट गया और इस घटना को ज्यादा दिन तक छिपा नहीं पाया। यही कारण है कि 21 दिन बाद उसने दामाद से बेटी के कत्ल की बात कबूल कर ली।
दिल्ली से एसएसपी को दी जानकारी :
दामाद ने दिल्ली से ही एसएसपी को फोन कर घटना की जानकारी दी। एसएसपी के निर्देश पर शुक्रवार को पुलिस उसके घर गई तो ताला बंद मिला। घर से कुछ दूरी पर रहकर पुलिसवाले जयप्रकाश के लौटने का इंतजार करने लगे। शुक्रवार की रात में जब वह लौटा तो पुलिस ने उसे दबोच लिया। पूछताछ के बाद उसने हत्या की पूरी घटना सिलसिलेवार कबूल की।
पिता की जुबानी बेटी के साथ हैवानियत की कहानी
जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि 26 जुलाई को बेटी घर आई थी। 27 जुलाई की रात में जब वह घर लौटा तो बेटी को देखककर खुद को काबू में नहीं रख पाया। उसके साथ संबंध बनाने की कोशिश की। बेटी ने विरोध किया तो गुस्से में आकर उसका गला दबा दिया। बेटी की मौत हो गई। शव को छिपाने का कोई रास्ता न दिखने पर उसने घर में मौजूद चाकू से उसका सिर काट दिया। जूट के दो बोरों में सिर और धड़ अलग-अलग भर लिया और मोपेड पर रखकर घर से चार किमी पश्चिम उरुवा क्षेत्र के गजपुर यादव टोला के पास नहर में सिर और उसके बाद घर से चार किमी पूरब हरपुर गांव के ब्रम्हस्थान के पास स्थित कचनी नाले के पुलिया से धड़ को पानी में फेंक दिया। जयप्रकाश की निशानदेही पर पुलिस ने दोनों स्थानों से शव को बरामद कर लिया है। शव का कंकाल और बोरा ही मिला है।
दो साल से बेटी से संबंध बना रहा था पिता
बड़ी बेटी की शादी के बाद जब वह अपने ससुराल चली गई तो छोटी बेटी और पिता ही घर पर अकेले बचे। मां और बड़ी बहन के न होने पर बेटी भी फ्री हो गई। उसके कुछ लोगों से संबंध हो गए। पिता को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने अपनी बेटी पर पहले तो गुस्सा किया लेकिन बाद में खुद संबंध बना लिया। यह सिलसिला करीब दो साल तक चलता रहा। पिता ने पुलिस के सामने यह बात कबूल की है। इस बीच बेटी शहर भी जाने-आने लगी और शहर में स्थित एक मॉल के दुकान में काम करने लगी। यहीं पर 10-15 दिन तक रहती और फिर घर जाती थी। इस बीच बेटी के साथ पिता का संबंध जारी रहा। बताया जा रहा है कि इस बीच उसकी जिंदगी में कोई लड़का आ गया तो वह पिता से दूरी बनाने लगी। 27 जुलाई को जब उसने बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की बेटी ने मना कर दिया।