बंद हो सकता है कोविड अस्पताल पैनेशिया, आईएमए ने खींचे हाथ
Kovid, hospital, may be closed, IMA pulled hands
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए संचालित हो रहा पैनेशिया अस्पताल अब विवादों में आ गया है। अस्पताल संचालकों पर मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम लेने का आरोप लगा है। आरोप लगाने वालों में कुछ डॉक्टर भी शामिल हैं। इसके बाद आईएमए बैकफुट पर आ गया है। आईएमए ने अस्पताल संचालन से हाथ पीछे पीछे खींच लिए हैं। शुक्रवार को आईएमए कार्यकारिणी ने जिला प्रशासन को इस बाबत पत्र दिया है। पत्र में आइएमए ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण के संकट के कारण अस्पताल का संचालन शुरू किया गया था। इस मामले में आरोप लगा है कि अस्पताल संचालन कर रहे लोगों ने शासन द्वारा अनुमोदित और निर्देशित दर से ज्यादा रकम की बिलिंग की गई है। आईएमए इस संबंध में जांच की मांग कर चुका है। इस बाबत सीएमओ को पहले भी पत्र लिखा गया था। अब बीआरडी में कोविड के 300 बेड बढ़ गए हैं। ऐसे में आईएमए का मानना है कि प्रशासन अपने निगरानी में अस्पताल का संचालन कराएं। अगर उसे आवश्यकता लगे तो अस्पताल को बंद कर दिया जाए।डॉक्टरों ने ओवर चार्जिंग का लगाया था आरोप जिले में जुलाई में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद अचानक मरीजों की बाढ़ आ गई थी। बीआरडी में बेड कम पड़ गए थे। ऐसे में प्रशासन ने निजी चिकित्सकों को इलाज के लिए आगे आने को कहा था। इसी के तहत आईएमए ने विवादों में बंद पड़े पैनेशिया अस्पताल का संचालन करने का फैसला लिया। आईएमए ने पैनेशिया का संचालन सिटी अस्पताल के निदेशक डॉ. एके मल्ल को सौंपा। बताया जाता है कि इस अस्पताल में कुछ डॉक्टरों के परिजन भर्ती हुए। उनमें से दो की मौत हो गई। आरोप है कि संचालकों ने डॉक्टरों से भी मोटी रकम वसूल ली। उनसे ओवर बिलिंग की। इसको लेकर महानगर के आधा दर्जन वरिष्ठ डॉक्टर मुखर हो गए। उन्होंने आईएमए की कार्यकारिणी को आड़े हाथों लिया। सीनियर डॉक्टरों के मुखर विरोध के बाद कार्यकारिणी ने सीएमओ से अस्पताल की वित्तीय जांच की मांग की थी।संक्रमित डॉक्टर कर रहे थे इलाज शुक्रवार को कमिश्नर की अध्यक्षता में कोविड को लेकर एक बैठक हुई। बैठक हंगामेदार रही। बैठक में आईएमए के सचिव डॉ. राजेश गुप्ता ने कमिश्नर को पत्र लिखकर अस्पताल का संचालन छोड़ने का प्रस्ताव सौंपा। इसी बैठक में आईएमए के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि पैनेशिया अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टर संक्रमित हुए थे। संक्रमण के दौरान उन्होंने मरीजों का इलाज किया। इससे मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती थी। उन्होंने इसकी जांच की मांग की है। इस शहर में जब संक्रमण बढ़ा था तब प्रशासन की मांग पर आईएमए आगे आया था। कोरोना अस्पताल का संचालन किया। वित्तीय गड़बड़ी को लेकर कुछ आरोप लगे हैं। उसकी जांच की मांग सीएमओ से की गई है। आज 300 बेड का एक अस्पताल भी बीआरडी में शुरू हो गया है। अब कोविड अस्पताल की दरकार कम है। इस वजह से आईएमए ने अस्पताल बंद करने के लिए पत्र लिखा है। डॉ.एससी कौशिक, अध्यक्ष, आईएमए