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बीआरडी मेडिकल कालेज में छह महीने से वेतन को तरस रहे संविदाकर्मी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सेवा प्रदाता फर्म के जरिए तैनात 11 कर्मचारी छह महीने से वेतन के लिए तरस रहे हैं। यह कर्मचारी पर्चा काउंटर पर तैनात किए गए...

बीआरडी मेडिकल कालेज में छह महीने से वेतन को तरस रहे संविदाकर्मी
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरFri, 15 Mar 2019 03:58 PM
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बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सेवा प्रदाता फर्म के जरिए तैनात 11 कर्मचारी छह महीने से वेतन के लिए तरस रहे हैं। यह कर्मचारी पर्चा काउंटर पर तैनात किए गए हैं।

खबर है कि सेवा प्रदाता फर्म द्वारा पांच अक्तूबर 2018 को 11 कर्मचारियों की तैनाती की गई। सभी को पर्चा काउंटर पर तैनात किया गया। तैनाती के बाद से ही उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। जिसकी वजह से वह आर्थिक तंगी के शिकार हो गए हैं। कर्मचारियों ने वेतन के लिए कई बार मेडिकल प्रशासन और कार्यदायी संस्था को अवगत कराया। इसके बावजूद भी स्थितियां जस की तस बनी हुई हैं।

ई-हॉस्पिटल योजना में हुई तैनाती

शासन ने बीआरडी मेडिकल कालेज में ई-हॉस्पिटल सिस्टम लागू किया है। इसमें पर्चा बनाने से लेकर जांच तक सब कुछ ऑनलाइन होगा। कालेज में नया पर्चा काउंटर भी बना है। ई-हॉस्पिटल के लिए ही सेवा प्रदाता द्वारा बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पर्ची काउंटर पर 11 कंप्यूटर ऑपरेटर की ज्वाइनिंग कराई गई। सूत्रों की मानें तो इस योजना में 52 पद पर कर्मचारी तैनात करने हैं। अभी सिर्फ 11 ही तैनात हुए हैं। शेष बचे 41 पदों के वेतन में गोलमाल को लेकर खेल शुरू हुआ। जिसके बाद सेवा प्रदाता फर्म ने सभी का वेतन रोक दिया।

जिम्मेदारों से की जाएगी बात

वेतन भुगतान में देरी के संबंध में जानकारी नहीं है। कालेज प्रशासन द्वारा पूरा भुगतान कार्यदायी संस्था को कर दिया जाता है। कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी है कि वह कर्मचारियों को वेतन दे रही है या नहीं। इस संबंध में जिम्मेदार अफसरों से बात की जाएगी।

डॉ. गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

आचार संहिता से फंस गई 45 कर्मचारियों की तैनाती

महिला अस्पताल स्थित 100 बेड वाले मेटरनिटी विंग में अवनी परिधि के जरिए तैनात हुए 45 कर्मचारियों की ज्वाइनिंग फंस गई है। गुरुवार को कुछ कर्मचारी ज्चाइनिंग के लिए महिला अस्पताल पहुंचे लेकिन जिम्मेदार आचार संहिता का हवाला देते हुए उन्हें वापस कर दिया। इसमें कंप्यूटर ऑपरेटर, वार्ड ब्वाय, वार्ड आया, चतुर्थ श्रेणी कर्मी आदि कर्मचारियों की ज्वाइनिंग की जानी है। अस्पताल के एसआईसी ने बताया कि शासन को पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई है।

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