बुजुर्गों-युवाओं के मानसिक सेहत सुधार को एम्स लेगा संगीत का सहारा
Gorakhpur News - एम्स और आईसीएमआर के सहयोग से कॉग्निटी हार्मोनी कार्यक्रम की करेगा शुरुआत एक साल तक

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। युवाओं में बढ़ रहा तनाव और बुजुर्गों का एकाकीपन उनकी मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। इसकी वजह से उनकी याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित हो रही है। इसमें सुधार के लिए एम्स संगीत, खेल, संतुलित आहार जैसे उपायों का सहारा लेगा। इसके लिए एम्स ने आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के साथ मिलकर कॉग्निटी हार्मोनी कार्यक्रम की शुरुआत करने का फैसला लिया है। एम्स की ओर से एक हजार से अधिक बुजुर्गों और युवाओं पर किए गए शोध में यह जानकारी सामने आई थी कि ज्यादातर की याददाश्त और सोचने समझने की शक्ति में कमी आ रही है।
इसी शोध को आधार मानकर अब एम्स और आईसीएमआर ने कॉग्निटी हार्मोनी कार्यक्रम की शुरुआत करने का फैसला किया है। डॉक्टरों का मानना है कि 40 से 60 वर्ष की उम्र के व्यक्तियों में भूलने की समस्या की शुरुआत होती है। समय रहते इलाज शुरू होने पर इस समस्या को रोका या धीमा किया जा सकता है। इसके लिए एम्स एक वर्ष तक सप्ताह में पांच दिन की कार्यशाला आयोजित करेगा। एम्स की कार्यकारी निदेशक सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता का कहना है कि बढ़ती उम्र में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना आज के दौर की सबसे बड़ी चुनौती है। लोगों में तनाव बहुत है। इसकी वजह समय से पहले लोगों के याददाश्त और सोचने समझने की क्षमता कम होती जा रही है। नए कार्यक्रम के जरिए लोगों को इस समस्या से निजात दिलाया जाएगा। 10 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को किया गया शामिल कार्यक्रम में 10 आयुष्मान मंदिरों को शामिल किया जाएगा। आरोग्य मंदिर में आने वाले 40 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को तीन ग्रुप में बांटा जाएगा। पहले ग्रुप को जानकारी दी जाएगी, दूसरे ग्रुप को पुस्तकें दी जाएंगी और तीसरे ग्रुप को पांच दिन के चलने वाले विशेष सत्र में शामिल किया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट बनाते हुए इस पर अध्ययन शुरू होगा। इस तरह करेंगे काम कॉग्निटी हार्मोनी कार्यक्रम के तहत 40 से 60 उम्र के लोगों को योग अभ्यास, मानसिक खेल जैसे कार्ड गेम, बोर्ड गेम, संतुलित आहार, जिसमें तेल कमी हो, भरपूर नींद, संगीत आधारित ध्यान, नशा से दूर रहने की सलाह दी जाएगी। कॉग्निटी हार्मोनी कार्यक्रम मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने का प्रयास है। यह बढ़ रही उम्र के लोगों को काफी मदद करेगा। इसके तहत एम्स और आईसीएमआर मिलकर काम करेंगे। -डॉ. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक, एम्स
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