सीएम योगी ने आतिशबाजी कर वनटांगिया बच्चों संग मनाई दिवाली
यूं तो योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया बस्ती तिनकोनिया में दिवाली का दीया 2006 से ही जला कर वहां के लोगों के जीवन के प्रति आशा का संचार कर दिया था लेकिन उनके सीएम बनने के बाद अकेले तिनकोनिया वनग्राम ही...
यूं तो योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया बस्ती तिनकोनिया में दिवाली का दीया 2006 से ही जला कर वहां के लोगों के जीवन के प्रति आशा का संचार कर दिया था लेकिन उनके सीएम बनने के बाद अकेले तिनकोनिया वनग्राम ही नहीं बल्कि गोरखपुर-महराजगंज समेत प्रदेश के 38 जिलों में रहने वाले आदिवासियों-वनटागियों की दुनिया ही बदल दी।
वनटांगिया गांवों में लोग आजादी के बाद से ही बुनियादी सुविधाओं का दंश झेल रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ तीन दिवाली के बीच आजादी के 71 साल की उपेक्षा का दंश सिर्फ अपने ढाई साल के कार्यकाल में धो दिया है। रविवार को वनटांगिया बस्ती में योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर जब उतरा तो वनटांगियों के सिर्फ चेहरे ही नहीं, उनके पक्के घर और आंगन भी खिल उठे। मानो तिनकोनिया बस्ती में ‘सबरी के घर राम’ आए सरीखा महौल था।
- सीएम योगी के आगमन से खिल उठे वनटांगियों के घर-आंगन
- तिनकोनिया बस्ती में सबरी के घर राम सरीखा माहौल
- टॉफी वाले बाबा ने बच्चों के सिर पर हाथ फेर दिया आशीर्वाद
पिछली दिवाली में जो बस्ती झोपड़ियों से भरी थी, आज उसकी छतों पर सीएम की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात थी। कभी सुविधाओं की बाट जोह रहा वनटांगिया गांव आज आवास, शौचालय, सड़क, विद्यालय, पेयजल, रसोई गैस, आंगनबाड़ी, कृषि योग्य खेत, खेत और मकान की जमीन का मालिकाना हक, अंत्योदन राशन कार्ड, पेंशन सरीखी सुविधाओं से आच्छादित हैं। सीएम 11:11 बजे वनटांगिया बस्ती में बने मंच पर पहुंचे। उनका हेलीकॉप्टर उतरते देख बच्चों ने तालियां बजा और शोर मचा कर उनका अभिनंदन किया। उनकी एक झलक पाने को सभी आतुर थे। मुख्यमंत्री ने बच्चों को मंच से उपहार दिए। उसके बाद उन्होंने मंच से ही बटन दबाकर स्वचालित अनार जलाकर दिवाली की खुशी से बच्चे शोर मचाने लगे। वनटांगियों समेत सभी के चेहरे पर एक सहज मुस्कान दौड़ गई।
दीपक जला सीएम ने कराया गृह प्रवेश : दिवाली पर तिनकोनिया गांव में रामगणेश के घर सीएम ने दीप प्रज्ज्वलित कर गृह प्रवेश कराया। रामगणेश ने सीएम को खीर और हलवा खिलाया। सीएम के साथ विधायक विपिन सिंह, कालीमंदिर के महंत रविंद्र दास ने भी खीर का स्वाद लिया। सीएम ने बताया कि 85.876 हेक्टेयर जमीन खेती एवं 9.654 हेक्टेयर भूमि आवास के लिए मिली है। 895 शौचालय, 788 मुख्यमंत्री आवास, 49 निराश्रित पेंशन, 38 को दिव्यांग पेंशन, 125 को वृद्धावस्था पेंशन, 647 परिवारों में सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन, 895 अंत्योदय श्रेणी के राशन कार्ड बनाए गए हैं। 600 से ज्यादा लोगों को उज्ज्वला योजना के कनेक्शन मिले हैं।
बस्ती में घूम-घूम सभी से मिले योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों एवं वनटांगियां वासियों को मिठाई वाले लंच पैकेट वितरित करने के साथ पूरी बस्ती में किए गए विकास कार्यो का जाएजा भी लिया। इस दौरान स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया एवं उनकी खुशी महसूस करते हुए बच्चों को भी खूब प्यार दुलार दिया। सीएम का आशीर्वाद लेने के लिए सुरक्षा घेरा तोड़ वनटांगिया स्त्री-पुरुष उनके चरण स्पर्श भी करते रहे।
वन विभाग ने करा दिया था एफआईआर
महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के प्राचार्य डॉ. प्रदीप राव ने कहा कि 2006 से योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोरक्षपीठ ने तिनकोनिया गांव से वनटांगियों की मदद की शुरुआत की। गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय से चिकित्सकीय सुविधा एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की ओर से विद्यालय संचालित किया। उस वक्त विद्यालय पर टिन की छत डालने पर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वन विभाग ने एफआईआर दर्ज करा दिया। लेकिन वे रुके नहीं, संसद में इस संघर्ष को स्वर दिया। अंग्रेजों ने वनटांगियों की समस्या को लेकर 1921-22 और 1935-36 में चर्चा की लेकिन आजाद हिन्दुस्तान में सीएम की पहल सदन में वनाधिकार कानून परित हुआ। 2010 में अधिकार पत्र मिला लेकिन राजस्व ग्राम का दर्जा अक्तूबर 2017 में। उन्होंने कहा कि सीएम मुख्यमंत्री बनने के बाद हर साल वनटांगिया गांवों को करोड़ों रुपये की विकास योजनाओं की सौगात दे रहे हैं।
