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सीएम योगी की शक्ति अराधना: आज गोरखपुर आएंगे, गोरखनाथ मंदिर में करेंगे शस्‍त्र पूजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार रात गोरखनाथ मंदिर के शक्ति मंदिर में अष्टमी तिथि पर महानिशा पूजन, शस्त्र पूजन और हवन-यज्ञ करेंगे। सीएम शुक्रवार को अपराह्न गोरखनाथ मंदिर आएंगे। नाथ संप्रदाय की...

सीएम योगी की शक्ति अराधना: आज गोरखपुर आएंगे, गोरखनाथ मंदिर में करेंगे शस्‍त्र पूजा
मुख्‍य संवाददाता,गोरखपुरFri, 23 Oct 2020 08:27 AM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार रात गोरखनाथ मंदिर के शक्ति मंदिर में अष्टमी तिथि पर महानिशा पूजन, शस्त्र पूजन और हवन-यज्ञ करेंगे। सीएम शुक्रवार को अपराह्न गोरखनाथ मंदिर आएंगे। नाथ संप्रदाय की परम्परा के मुताबिक अष्टमी तिथि की रात में ही गोरखनाथ मंदिर में हवन की परम्परा है। मुख्यमंत्री विजयादशमी तक गोरखनाथ मंदिर में ही प्रवास करेंगे।

मंदिर प्रबंधन गुरुवार को दिन भर अष्टमी पूजन की तैयारियों में ही जुटा रहा। मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी ने बताया कि शुक्रवार से ही अष्टमी तिथि लग जाएगी। नाथ परम्परा में अष्टमी की रात में ही महानिशा पूजन, शस्त्र पूजन और हवन होता है। मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि शुक्रवार की रात 6 बजे से गौरी-गणेश की पूजा से शुरुआत होगी। वरुण पूजन, पीठ पूजन, यंत्र पूजन, स्थापित मां दुर्गा की विधिवत पूजा, भगवान राम-लक्ष्मण-सीता का षोडसोपचार पूजन, भगवान कृष्ण एवं गोमाता का पूजन, नवग्रह पूजन, विल्व अधिष्ठात्री देवता का पूजन, शस्त्र पूजन, द्वादश ज्योर्तिंलिंग- अर्धनारीश्वर, शिव-शक्ति पूजन, वटुक भैरव, काल भैरव, त्रिशूल पर्वत पूजन करेंगे।

पूजन बेदी पर उगे जौ के पौधे जई को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं आचार्यगण द्वारा वैदिक मंत्रों के बीच बांटा जाएगा। उसके बाद हवन बेदी पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश एवं अग्निदेवता का आह्वान कर हवन शुरू होगा। हवन की क्रिया संपंन होने के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा। बॉक्स सीएम जगत कल्याण की करेंगे कामना सात्विक बलि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नारियल, गन्ना, केला, जायफर आदि की बलि देकर शक्ति की आराधना पूर्ण करेंगे। जगत कल्याण की प्रार्थना करेंगे। मान्यता है कि निशा पूजा एवं सात्विक पंच बलि से शारीरिक एवं मानसिक क्लेश दूर होते हैं। पूजन की इस पूरी प्रक्रिया को प्रधान पुरोहित रामानुज त्रिपाठी के अलावा डा. अरविंद कुमार चतुर्वेदी, डा. रोहित कुमार मिश्र, डा. दिग्विजय शुक्ल, पुरुषोत्तम चौबे समेत अन्य आचार्य शामिल होंगे।

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