ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश गोरखपुरमहंत दिग्विजयनाथ ने नाथ सम्प्रदाय के बिखरे योगी समाज को एकजुट किया: योगी आदित्यनाथ

महंत दिग्विजयनाथ ने नाथ सम्प्रदाय के बिखरे योगी समाज को एकजुट किया: योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीगोरक्षपीठ एवं गोरखपुर के वर्तमान स्वरूप के एकमात्र शिल्पी महन्त दिग्विजयनाथ महाराज थे। उन्होंने हर क्षेत्र की अपूर्णता को पूर्णता...

महंत दिग्विजयनाथ ने नाथ सम्प्रदाय के बिखरे योगी समाज को एकजुट किया: योगी आदित्यनाथ
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरSat, 09 Sep 2017 09:02 PM
ऐप पर पढ़ें

मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीगोरक्षपीठ एवं गोरखपुर के वर्तमान स्वरूप के एकमात्र शिल्पी महन्त दिग्विजयनाथ महाराज थे। उन्होंने हर क्षेत्र की अपूर्णता को पूर्णता प्रदान की। नाथ सम्प्रदाय के बिखरे योगी समाज को एक किया और उन्हें धर्म, आध्यात्म के साथ राष्ट्रोन्मुख किया। हिन्दुत्व के मूल्यों और आदर्शो की पुनस्र्थापना के लिए वे राजनीतिक दलदल में कूदे। हिन्दुत्व को राष्ट्रीयता मानने का उन्होंने जो मंत्र दिया, मान लिया गया होता तो आज पूर्वोत्तर राज्यों में अलगाववाद और जलता हुआ काश्मीर न होता। योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में साप्ताहिक पुण्यतिथि समारोह के अंतर्गत शनिवार को महंत दिग्विजयनाथ महराज की 48वीं श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिग्विजयनाथ जानते थे कि वृहद हिन्दू समाज ही राष्ट्रीय एकता की गारन्टी है। हिन्दू समाज की एकता सामाजिक समरसता के बगैर असम्भव है। उन्होंने हिन्दू समाज में सभी के लिए प्रवेश का द्वार खोल दिया था। भारत-नेपाल सम्बन्ध पर नेहरू सरकार को बार-बार ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की सहायता लेनी पड़ी थी। शिक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से अति पिछड़े इस पूर्वी उत्तर प्रदेश में उन्होंने शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाओं और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं की स्थापना कर हिन्दुत्व आधारित सामाजिक परिवर्तन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। गांधी के खिलाफत आंदोलन से नाराज होकर राष्ट्रवादी राजनीति का शंखनाद किया योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ ने गांधी द्वारा खिलाफत आन्दोलन के बाद कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति के विरूद्ध कांग्रेस से अलग राष्ट्रवादी राजनीति का शंखनाद किया। जब वाराणसी में विश्वनाथ जी के मन्दिर में दलितों का प्रवेश वर्जित था तब महन्त दिग्विजयनाथने अपने आन्दोलन के माध्यम से मन्दिर का दरवाजा सबके लिए खुलवाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरे गुरूदेव राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ ने मीनाक्षीपुरम् में दलितों को सम्मान दिलाने के लिए आन्दोलन किया। उनके साथ बैठ कर सहभोज कर हिन्दू समाज को जोड़ने का काम किया। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाएं ब्रह्मलीन महंत महाराज के सपनों को साकार करने में अपनी पूर्ण सामर्थ का उपयोग करे यही वास्तविक श्रद्धांजलि होगी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें