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सीएम आज देंगे 300 बेड के कोरोना अस्पताल की सौगात

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग संस्थान में सोमवार को 300 बेड के कोविड अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इसमें 100 बेड का आईसीयू संचालित होगा। इसके साथ ही सीएम बीआरडी में बायो...

सीएम आज देंगे 300 बेड के कोरोना अस्पताल की सौगात
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरMon, 07 Sep 2020 03:52 AM
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बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग संस्थान में सोमवार को 300 बेड के कोविड अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इसमें 100 बेड का आईसीयू संचालित होगा। इसके साथ ही सीएम बीआरडी में बायो सेफ्टी लेवल थ्री लैब (बीएसएल-थ्री) का भी उद्घाटन करेंगे।

पूर्वी यूपी में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल में बेड कम पड़ने लगे। इसे देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जुलाई में बीआरडी के बाल रोग संस्थान में 300 बेड के कोविड अस्पताल बनाने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश के बाद कॉलेज प्रशासन ने 300 बेड का कोविड वार्ड तैयार कर दिया है। इसमें गंभीर और अति गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा।

तीसरे व चौथे फ्लोर पर होगा आईसीयू, पांचवें पर आइसोलेशन

बीआरडी में नया कोविड अस्पताल संचालित होने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका है। रविवार को कमिश्नर जयंत नार्लिकर, डीएम के. विजयेन्द्र पांडियन और सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने निरीक्षण किया। अधिकारियों ने तीसरे , चौथे व पांचवें फ्लोर का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि तीसरे व चौथे फ्लोर पर 100 बेड के आईसीयू का इंतजाम है। इसमें 65 वेंटिलेटर लगे हैं। पांचवें फ्लोर पर 200 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। इसमें हर बेड पर ऑक्सीजन का इंतजाम है। इस अस्पताल में लिक्विड व सिलेंडर से ऑक्सीजन की सप्लाई होगी।

बीएसएल-थ्री लैब बनकर तैयार

गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी में बीएसएल-थ्री (बॉयोसेफ्टी लैब) लगभग हो चुका है। यह सात दिन से क्रियाशील है। इसका उद्घाटन भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होगा। लगभग ढाई करोड़ रुपये की लागत से एलएनटी कंपनी ने बायो सेफ्टी लैब लेवल तीन का निर्माण किया है। सूबे का पहला मेडिकल कॉलेज है, जहां पर बीएसएल-थ्री लैब बनकर तैयार है। इसके कारण बीआरडी के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में कोरोना जांच की क्षमता दो गुनी हो गई। पहले विभाग में रोजाना 1200 सैम्पल की जांच होती थी अब दो हजार सैम्पल की जांच होगी। संक्रमण को रोकने के मामले में बीएसएल-तीन लैब बेहद सुरक्षित मानी जाती है। लैब में बाहर से हवा भी अंदर नहीं आ सकती। लैब के अंदर मौजूद संक्रमित हवा को फिल्टर करके बाहर निकाला जाता है। लैब के अंदर प्रयोग होने वाला पानी भी पूरी तरह से विसंक्रमित किया जाएगा। लैब में अक्तूबर में कोबॉस मशीन भी आ जाएगी। इसके बाद से 1000 कोरोना सैम्पल की जांच महज पांच घंटे में हो सकेगी।

दो दर्जन से अधिक जानलेवा वायरस पर होगा रिसर्च

बीआरडी के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि यह लैब कई मायनों में खास है। इस लैब में येलो फीवर वायरस, वेस्ट नाइल वायरस, कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू वायरस और मर्स वायरस पर रिसर्च हो होगा। उनकी जांच व पहचान भी यहां होगी। इसके अलावा ड्रग रेजिस्टेंट टीबी बैक्टीरिया पर भी यहां रिसर्च किया जा सकता है।

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