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मानदेय नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मचारियों का कार्य बाहिष्कार

त्योहार में भी मानदेय न मिलने से नाराज आउटसोर्सिंग के सफाई कर्मियों ने गुरुवार को आधा दर्जन वार्डों में सफाई कार्य का बहिष्कार कर दिया। जिससे वार्ड में गंदगी का अंबार लगा रहा। वहीं आउटसोर्सिंग के...

मानदेय नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मचारियों का कार्य बाहिष्कार
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरThu, 18 Oct 2018 09:47 PM
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त्योहार में भी मानदेय न मिलने से नाराज आउटसोर्सिंग के सफाई कर्मियों ने गुरुवार को आधा दर्जन वार्डों में सफाई कार्य का बहिष्कार कर दिया। जिससे वार्ड में गंदगी का अंबार लगा रहा। वहीं आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों ने मानदेय नहीं मिलने पर शनिवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। सफाई कर्मचारियों ने अधियारी बाग में पहुंचे नगर आयुक्त से अपना विरोध भी जताया।

गुरुवार को आधा दर्जन वार्डों में सफाई कर्मी कार्य बहिष्कार पर रहे। इस दौरान उन्होंने निगम प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। दूसरी तरफ रामलीला मैदान (अंधियारीबाग) में सफाई कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे नगर आयुक्त से कर्मचारियों ने विरोध जताया। कर्मचारियों ने नगर आयुक्त से दो टूक कहा, जब तक मानदेय नहीं मिलेगा कार्य नहीं किया जाएगा। गुरुवार को शिवपुर शहबाजगंज, घोसीपुरवा, जंगल सालिकराम, बशारतपुर और अंधियारीबाग समेत कई वार्डों में सफाई कर्मी कार्य बहिष्कार पर रहे। शिवपुर शहबाजगंज के पार्षद अफरोज उर्फ गब्बर ने सफाई कर्मियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कर्मचारी मानने को तैयार नहीं थे। कर्मचारियों ने पार्षद से नोकझोंक भी की।

पहले भी हड़ताल पर जा चुके हैं सफाई कर्मी

शहर में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नगर निगम ने पहली अगस्त से व्यापक बदलाव किया था। पहले से कार्यरत 13 फर्मों को हटाकर दो नई फर्मों को सभी 70 वार्डों में सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसके बाद से सफाई व्यवस्था और लचर हो गई है। दोनों फर्मों ने करीब 1800 सफाई कर्मियों को सितंबर माह का भी मानदेय नहीं मिला है। मानदेय भुगतान को लेकर पिछले महीने भी बहुत हंगामा हुआ था। सैकड़ों सफाई कर्मियों ने हड़ताल कर नगर निगम में प्रदर्शन किया था। इसके बाद आनन-फानन में सफाई कर्मियों के खाते में मानदेय ट्रांसफर कराया गया। जिनके खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं हो सकें उन्हें ठेकेदार ने कैश भुगतान किया। शर्तों के मुताबिक संबंधी एजेंसी को सात लेकर 10 तारीख के बीच कर्मचारियों के खाते में मानदेय भेजना था, लेकिन अब तक एक भी कर्मचारी को मानदेय नहीं मिला है। कुछ वार्डों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ठेकेदार ने कर्मचारियों को दो-दो हजार रुपये कैश दिया है।

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