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बिस्मिल से लेकर बंधू सिंह स्‍थली और डोहरिया कला शहीद स्‍मारक तक जलेंगे श्रद्धा के दीप

चौरीचौरा शताब्दी समारोह के अंतर्गत गुरुवार को यूं तो प्रदेश के सभी शहीद स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लेकिन गोरखपुर में चौरीचौरा शहीद स्मारक के साथ जिला मण्डलीय कारागार परिसर में निर्मित...

बिस्मिल से लेकर बंधू सिंह स्‍थली और डोहरिया कला शहीद स्‍मारक तक जलेंगे श्रद्धा के दीप
मुख्‍य संवाददाता ,गोरखपुर Wed, 03 Feb 2021 08:39 PM
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चौरीचौरा शताब्दी समारोह के अंतर्गत गुरुवार को यूं तो प्रदेश के सभी शहीद स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लेकिन गोरखपुर में चौरीचौरा शहीद स्मारक के साथ जिला मण्डलीय कारागार परिसर में निर्मित पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की शहादत स्थली, तरकुलहा में स्थित शहीद बंधू सिंह स्मारक और सहजनवा के डोहरिया कला शहीद स्मारक पर वंदेमातरम के स्वर गूंजेंगे। यहां श्रद्धा के दीप भी जलाएं जाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद इन तीनों ही शहीद स्मारकों का नए सिरे से सौदर्यीकरण किया गया है। गोरखपुर मण्डलीय कारागार में उनकी कोशिशों के कारण अब कोई भी व्यक्ति बिना रोक-टोक अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल की शहादत पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकता है। यहां 19 दिसंबर 1927 की सुबह 6.30 बजे बिस्मिल को फांसी हुई थी। बुधवार को दिन भर यहां साफ-सफाई में कर्मचारी जुटे रहे। पूरे परिसर का नए सिरे से रंगरोगन किया गया है। उधर, तरकुलहा देवी मंदिर के पास स्थित शहीद बंधू सिंह शहीद स्मारक पर भी सफाई की जा रही है।

मेरठ छावनी में 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूंकने वाले मंगल पाण्डेय से प्रभावित बंधू सिंह को गोरखपुर के घंटाघर चौक के पश्चिम बरगद के पेड़ से लटकाकर 12 अगस्त 1857 को फांसी दी गई। बंधू सिंह तरकुलहा माता के भक्त थे। सात बार फंदा टूटा तो आठवीं बार फंदे को बंधू सिंह ने खुद ही गले में डाल लिया था। दूसरी ओर देवीपुर गांव में माता की पिंडी के पास लगा तरकुल टूट गया। उससे निकली रक्तधार से फरेन नाला लाल हो गया। गुरुवार इसी पिण्डी के पास शहीद बंधू सिंह के स्मारक पर वंदे मारतरम् के गान के साथ दीप भी जलाए जाएंगे।

सीएम ने कराया है डोहरिया कला का जीर्णोद्धार
सहजनवा के डोहरिया कला गांव में 23 अगस्त 1942 को जालिम अंग्रेजों की गोलियों से नौ रणबांकुरों के सीने छलनी हो गए थे। आजादी के मतवाले महात्मा गांधी के करो या मरो का नारा लगाते हुए सीने पर गोलियां खाकर मर मिटे थे। तत्कालीन कलेक्टर एमएम मास, हाकिम परगना साहब बहादुर और इंस्पेक्टर हल्का सदर ने सत्याग्रहियों की न केवल जान ली बल्कि डोहरिया कला गांव में आग भी लगा दी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने तकरीबन 80 लाख की लागत से इस स्थल का जीर्णोद्धार कराया है। गुरुवार को यहां भी वंदे मातरम का गायन करते हुए शाम को दीप प्रज्जवलित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे।

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