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नौकरी के लिए फेयर परीक्षा का बढ़ा चैलेंज, हर परीक्षा में साल्वर

केस एक

नौकरी के लिए फेयर परीक्षा का बढ़ा चैलेंज, हर परीक्षा में साल्वर
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरFri, 21 Sep 2018 12:56 PM
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केस एक

21 दिसम्बर 2017 यूपी पुलिस में दरोगा व प्लाटून कमांडर की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों ने एक सॉल्वर को दबोचा था। अभिषेक रंजन नामक साल्वर देवरिया के रामपुर कारखाना के रहने वाले रमेश प्रसाद की जगह परीक्षा दे रहा था। बेलीपार थाने में उनके खिलाफ केस हुआ। मास्टर माइंड अभी नहीं पकड़ा गया।

केस दो

18 जून 2018 सिपाही भर्ती परीक्षा में एसटीएफ ने पांच साल्वरों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया। बिहार के रहने वाले ये साल्वर गोरखपुर में अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने आए थे। कुछ को परीक्षा में बैठने से पहले ही एसटीएफ ने दबोच था तो कुछ को परीक्षा में बैठने के दौरान।

केस तीन

13 सितम्बर 2018 यूपीपीसीएल की ऑन लाइन भर्ती परीक्षा में नौसढ़ के स्वास्तिक केन्द्र से बिहार के रहने वाले दो साल्वरो को पकड़ा गया था। कक्ष निरीक्षक बनकर यह अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे रहे थे। इसमें केन्द्र व्यवस्थापक की भी भूमिका संदिग्ध मिली थी लेकिन अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। मास्टर माइंड का अभी पता नहीं है।

केस चार

19 सितम्बर 2018 रेलवे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में रेलवे विजलेंस और आरपीएफ ने चार साल्वरों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद दो को बेलीपार थाने तो दो को पिपराइच थाने को सौंप दिया गया। चारों जेल चले गए लेकिन मास्टर माइंड का पता नहीं है।

एक तरफ बेरोजगारों की भीड़ बढ़ती जा रही है तो दूसरी तरफ परीक्षा-दर परीक्षा नकल करने वाले साल्वर पकड़े जा रहे हैं। पहले यह मैनुअल परीक्षा में पकड़े जाते थे लेकिन अब ऑन लाइन भर्ती परीक्षा में भी लगातार पकड़े जा रहे हैं। एक तरह से सभी परीक्षा में साल्वरों के चलते दाग लग रहा है। सवाल यही है कि जिस तरह से साल्वर पकड़े जा रहे हैं उस हिसाब से एक तरफ सतर्कता का दावा किया जा सकता है लेकिन अगर अन्य जगहों पर वे कामयाब हो जाते हैं तो फिर फेयर परीक्षा पर सवाल भी उठता है?

सबसे बड़ा चैलेंज साल्वरों का इन परीक्षा केन्द्रों पर घुसपैठ को लेकर है। इस साल अब तक जितने भी साल्वर पकड़े गए हैं उनके परीक्षार्थी तो पता चल गए हैं कि वह किसके जगह परीक्षा देने आए थे लेकिन मास्टर माइंड के बारे में कोई जानकारी नहीं हो पाई है। कुछ मामलों में अगर जानकारी हो गई है तो पुलिस की गिरफ्तारी की कार्रवाई ही काफी धीमी है।

एक सप्ताह बाद भी केंद्र संचालक पर कार्रवाई नहीं

नौसढ़ के स्वास्तिक केन्द्र पर नौ महीने में तीन बार साल्वर पकड़े जा चुके हैं। इस बार तो परीक्षा देने से पहले साल्वर पकड़ लिए गए हैं लेकिन उसके पहले परीक्षा देने के दौरान साल्वर पकड़े गए थे। 13 सितम्बर को तो कक्ष निरीक्षक के तौर पर आए दो साल्वर परीक्षा देते पकड़े गए थे। इसमें कहीं न कहीं संदेह के घेरे में केन्द्र संचालक भी है। पर अभी तक उस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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