खाते में दस करोड़ आने का मामला साइबर क्राइम सेल को दिया
दीवानी कचहरी के अधिवक्ता कमलेश मौर्य के खाते में दस करोड़ रुपये आने का मामला बैंक प्रबंधक ने साइबर क्राइम सेल को हैंडओवर कर दिया है। बैंक प्रबंधक ने अधिवक्ता को बताया है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो...
दीवानी कचहरी के अधिवक्ता कमलेश मौर्य के खाते में दस करोड़ रुपये आने का मामला बैंक प्रबंधक ने साइबर क्राइम सेल को हैंडओवर कर दिया है। बैंक प्रबंधक ने अधिवक्ता को बताया है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, खाता होल्ड रहेगा। अधिवक्ता की दिक्कत यह है कि उनका यही मुख्य खाता है, जिसमें जमा निकासी होती है।
26 सितंबर को 2.29 बजे मोबाइल पर आए मैसेज से कमलेश मौर्य को जानकारी हुई कि उनके खाते में करीब दस करोड़ रुपये जमा हो गए हैं। इसके कुछ ही देर बाद बैंक से दूसरा मैसेज आया कि अप्रत्याशित रकम जमा होने के कारण उनका खाता होल्ड कर दिया है। इसकी जानकारी उन्हें ईमेल पर भी देते हुए बताया गया कि वह बैंक शाखा से संपर्क कर विस्तृत जानकारी ले सकते हैं। उन्होंने बैंक प्रबंधक से संपर्क किया तो प्रबंधक ने बताया कि खाता ऑनलाइन होने के बाद उनके हाथ में कुछ भी नहीं है। बैंक मुख्यालय से हर खाते की निगरानी होती है जिस खाते में किसी तरह की अप्रत्याशित रकम आती है, मुख्यालय उसकी ऑनलाइन डिटेल चेक करता है। यदि रकम भेजने वाले का ब्योरा स्पष्ट है तो उनसे मुख्यालय यह जानने का प्रयास करता है कि रकम उन्होंने ही भेजी है या नहीं।
प्रबंधक ने कहा कि, इस मामले में रकम भेजने वाले के ब्योरे का कॉलम बिल्कुल खाली है। नाम पता व अन्य ब्योरे के साथ खाता नंबर व किस बैंक शाखा से रकम भेजी गई है, यह तक स्पष्ट नहीं है। ऐसे में मुख्यालय से ई मेल द्वारा उन्हें भी इसकी जानकारी मिली है कि कमलेश मौर्य का खाता होल्ड कर रकम भेजने वाली की जांच साइबर क्राइम सेल को सौंपी गई है। कमलेश मौर्य ने कहा कि रकम उनकी नहीं है, वह स्पष्ट कर चुके हैं। भेजने वाले का पता लगाने के लिए खाता होल्ड किया गया है तो यह परेशानी झेल लेंगे।