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डीडीयू छात्रसंघ चुनाव: पहले दिन सभी पदों के प्रत्याशियों ने लिए 35 पर्चे

डीडीयू में छात्रसंघ चुनाव के लिए में पहले दिन सभी पदों के कुल 35 प्रत्याशियों ने पर्चे लिए। इसमें कक्षा प्रतिनिधि के 12 पर्चे शामिल हैं। प्रतिनिधि के उम्मीदवरों को बुधवार को पर्चे दाखिल करने हैं,...




डीडीयू छात्रसंघ चुनाव: पहले दिन सभी पदों के प्रत्याशियों ने लिए 35 पर्चे
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरWed, 05 Sep 2018 02:57 PM
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डीडीयू में छात्रसंघ चुनाव के लिए में पहले दिन सभी पदों के कुल 35 प्रत्याशियों ने पर्चे लिए। इसमें कक्षा प्रतिनिधि के 12 पर्चे शामिल हैं। प्रतिनिधि के उम्मीदवरों को बुधवार को पर्चे दाखिल करने हैं, जबकि अन्य उम्मीदवारों के लिए नामांकन दाखिल करने की तिथि 6 सितंबर है। यह लोग बुधवार को भी पर्चे ले सकते हैं। मंगलवार को काउंटर पर पर्चा लेने आया एक उम्मीदवार पुलिस देख कर भाग खड़ा हुआ। बाद में इसे लेकर हो हल्ला मचा और उसके समर्थक ने पर्चा लिया।

पर्चे वितरण होने के साथ डीडीयू कैंपस में चुनाव को लेकर गहमा गहमी शुरू हो गई है। मेन गेट से लेकर पूरे कैंपस में छात्रों के अलग-अलग गुट प्रचार में जुटे रहे। बीच में उम्मीदवारों ने प्रस्तावकों व समर्थक के साथ लेखा काउंटर पर पहुंच कर पर्चे लिए। सुबह 10.30 बजे से ही काउंटर पर पर्चों का वितरण शुरू हो गया था। चुनाव अधिकारी प्रो. ओपी पांडेय ने बताया कि जिस छात्रनेता के बारे में काउंटर से भागने की बात कही जा रही थी, उसके नाम से भी पर्चा लिया गया है।

चुनाव अधिकारी ने बताया पहले दिन अध्यक्ष के लिए 7, उपाध्यक्ष के लिए 5, मंत्री के लिए 7, पुस्तकालय मंत्री पद के लिए 4 और विभिन्न कक्षा प्रतिनिधि पदों के लिए कुल 12 पर्चे लिए गए। पर्चे बुधवार को भी लिए जा सकेंगे। बुधवार को ही कक्षा प्रतिनिधि पदों के नामांकन दाखिल होंगे। अन्य पदों के उम्मीदवार 6 सितंबर को पर्चे दाखिल दाखिल कर सकेंगे।

मेन गेट पर लगा जाम

छात्रसंघ उम्मीदवारों व समर्थकों की भीड़ के चलते डीडीयू का मेन सुबह से ही जाम के हवाले रहा। गेट पर सुबह से ही समर्थक व छात्रनेता जम गए थे। नारेबाजी दोपहर बाद तक होती रही। कैंपस में प्रवेश के लिए नियंता मंडल गेट पर चेकिंग कर रहा था, जिसके चलते बाहरी लोग अंदर नहीं जा पा रहे थे। यह लोग बाहर ही जुट कर अपने प्रत्याशी के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। जिसके चलते आने जाने वालों को देर तक जाम में फंसना पड़ा। पुलिस ने हालांकि जाम हटाने का प्रयास किया मगर भीड़ में वह भी काफी देर तक असहाय दिखी।

छात्रनेताओं की आपत्तियां खारिज

छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री नीरज शाही व पूर्व उपाध्यक्ष अखिलदेव त्रिपाठी दिन में अभाविप कार्यकर्ताओं के साथ कुलपति के पास पहुंचे थे। उनकी आपत्ति थी कि किसी को लाभ पहुंचाने के इरादे से इस बार लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन किया जा रहा है। उनका कहना था कि चुनाव लड़ने के लिए शोध छात्रों की उम्र सीमा अधिकमत 28 साल होनी चाहिए मगर इसे 30 वर्ष कर दिया गया है।

छात्रनेता इसे बदलने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा उनकी मांग थी कि केस दर्ज होने पर ही किसी छात्र को चुनाव नहीं लड़ने दिया जाना चाहिए मगर विवि प्रशासन उन्हें यह कहते हुए चुनाव लड़ने की छूट दे रहा है कि जब तक उन्हें न्यायालय दोषी करार नहीं दे देता, तब तक वह चुनाव लड़ सकते हैं। कुलपति ने इस संबंध में वार्ता के लिए शाम को चुनाव अधिकारी व एडवाइजरी कमेटी को बुलाया।

छात्रनेताओं के समक्ष वार्ता के बाद विवि प्रशासन ने छात्रनेताओं की मांगों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अब इसमें कोई बदलाव संभव नहीं है। छात्रनेता विरोध करते हुए बैठक से बाहर निकले। चुनाव अधिकारी प्रो. ओपी पांडेय ने बताया कि छात्रनेताओं की आपत्तियां खारिज हो गई हैं। सभी को लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

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