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सतर्कता बरतने में चूक गए बीआरडी के डॉक्टर

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहे बस्ती के मरीज के इलाज में प्रोटोकाल का पालन करने में डॉक्टर डॉक्टर चूक गए। इतना ही नहीं मरीज की मौत के बाद भी अधिकारी बेपरवाह रहे। हर स्तर पर लापरवाही हुई। आलम यह...

सतर्कता बरतने में चूक गए बीआरडी के डॉक्टर
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरWed, 01 Apr 2020 02:16 AM
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बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहे बस्ती के मरीज के इलाज में प्रोटोकाल का पालन करने में डॉक्टर डॉक्टर चूक गए। इतना ही नहीं मरीज की मौत के बाद भी अधिकारी बेपरवाह रहे। हर स्तर पर लापरवाही हुई। आलम यह रहा कि रेजीडेंट डॉक्टर से लेकर लैब टेक्नीशियन तक किसी ने भी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।

ट्रामा सेंटर में रविवार को दोपहर तीन बजे आए मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसका दम फूल रहा था। दिल की धड़कन तेज होने के साथ ही उसे बुखार था। यह लक्षण कोरोना के भी हैं। इसके बावजूद प्राथमिक जांच करने वाले डॉक्टरों ने एहतियात नहीं बरती। ट्रामा सेंटर से मरीज को मेडिसिन वार्ड नंबर 14 में शाम करीब 4:30 बजे शिफ्ट किया गया। मेडिसिन यूनिट में डॉक्टर मौजूद थे। सीनियर रेजीडेंट ने एक बार फिर मरीज की जांच की। इस जांच के बाद उसे सामान्य फेफड़े का संक्रमण मानते हुए इलाज शुरू किया। तीन घंटे बाद ही मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसके खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगी। यह देख कर डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना मुनासिब समझा।

डॉक्टर ने डाली थी मरीज के गले में पाइप

रविवार की रात में मेडिसिन विभाग का ही रेजीडेंट मरीज के साथ आईसीयू तक आया। आईसीयू में मरीज को शिफ्ट कराया। मरीज की हालत बिगड़ रही थी। रेजीडेंट ने खुद मरीज के गले में वेंटिलेटर वाली पाइप डाली। दवाएं दीं। इंजेक्शन लगाया।

बगैर प्रोटेक्शन किट के निकाला थ्रोट स्वाब

सोमवार को मरीज की मौत के बाद भी बीआरडी प्रशासन की नींद नहीं टूटी। कागजों में मेडिकल कॉलेज के पास 998 पर्सनल प्रोडक्शन (पीपी) किट है। सोमवार को मरीज की मौत के बाद उसका थ्रोट स्वाब निकालने के लिए दो लैब टेक्नीशियन को जिम्मेदारी दी गई। दोनों को पीपी किट नहीं दी गई। दोनों सिर्फ मास्क व ग्लव्स लगाकर आईसीयू में पहुंचे। वहीं उन्होंने मरीज के शव से थ्रोट स्वाब निकाला। इसी हालत में वह वायरल डायग्नोस्टिक रिसर्च लैब (वीडीआरएल) तक गए। वहां थ्रोट स्वाब रिसीव कराया।

नहीं मिला मरीज को इलाज

मंगलवार को आईसीयू में किशोरी भर्ती हुई। वह गगहा की रहने वाली है। उसकी सांस फूल रही है। बस्ती वाले मरीज की मौत के बाद से ही वार्ड से रेजीडेंट कन्नी काट रहे हैं। ऐसे में तीमारदार नर्सों से इलाज की गुहार लगा रहे हैं।

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