ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश गोरखपुर2100 आगनबाड़ी केंद्रों पर बनेंगे बेबी फ्रेंडली वॉश

2100 आगनबाड़ी केंद्रों पर बनेंगे बेबी फ्रेंडली वॉश

आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए सुरक्षित जल की आपूर्ति व साबुन की उपलब्धता हाथों की सफाई के लिए जरूरी है। यही वजह है कि निदेशक पंचायती राज ने गोरखपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में आंनगनबाड़ी केंद्रों में...

2100 आगनबाड़ी केंद्रों पर बनेंगे बेबी फ्रेंडली वॉश
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरFri, 24 Jan 2020 02:12 AM
ऐप पर पढ़ें

आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए सुरक्षित जल की आपूर्ति व साबुन की उपलब्धता हाथों की सफाई के लिए जरूरी है। यही वजह है कि निदेशक पंचायती राज ने गोरखपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में आंनगनबाड़ी केंद्रों में बेबी फ्रेंडली स्वच्छता (वॉश ) सुविधाओं के निर्माण और रखरखाव के निर्देश दिए हैं। इस कड़ी में गोरखपुर जिले की 2100 आंगनबाड़ी में ये सुविधाएं निर्मित की जाएंगी।

डीएम के निर्देश पर काम शुरू: डीएम के निर्देश पर डीपीआरओ कार्यालय ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। बेबी फ्रेंडली स्वच्छता (वॉश) सुविधाओं के निर्माण पर खर्च होने वाली धनराशि 14वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग एवं जनपद स्तर पर उपलब्ध अन्य मदों की धनराशि से दी जाएगी। परिषदीय स्कूल परिसर में संचालित आंगनबाड़ी में विद्युतिकरण, फ्लोर टाइल्स, शौचालय निर्माण एवं हैंड वाशिंग यूनिट बनाई जाएगी।

यूनिसेफ ने भी बताया है महत्वपूर्ण

बेबी फ्रेडली स्वच्छता (वॉश) सुविधाओं में शौचालय, मूत्रालय, ग्रुप हैंडवाशिंग यूनिट एवं सुरक्षित पेयजल का निर्माण एवं रखरखाव प्राथमिकता में है। इस योजनाओं के लिए ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्य योजना में भी प्रावधान किए जाने की सलाह दी गई है। इस अभियान से जुड़ी यूनिसेफ ने हाथ धुलाई को छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बताया है।

डायरिया से मौत पर लगेगी लगाम

उनका दावा है कि हर साल पांच वर्ष कम आयु के 3 लाख बच्चों की मौत डायरिया के कारण भारत में होती है। साबुन से हाथ धोने से इस पर काफी हद तक लगाम लगाया जा सकता है। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना है कि योजना पर अमल के लिए सर्वेक्षण कराया जा रहा है। जल्द ही इसे अमली जाना पहनाया जाएगा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें