एमएमएमयूटी को संवारेगा एआईसीटीई, हुआ समझौता
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गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
मदन मोहन मालवीय प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) की तकनीकी दक्षता में और सुधार होने जा रहा है। एमएमएमयूटी को संवारने में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(एआईसीटीई) मदद करेगी।
शुक्रवार को दोनों तकनीकी संस्थानों के मध्य पारस्परिक सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन एआईसीटीई के नई दिल्ली स्थित कार्यालय पर हुआ। एमएमएमयूटी की तरफ से कुलपति प्रो. जेपी पांडेय जबकि एआईसीटीई की तरफ से अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता नियोजन प्रो गोविंद पांडेय एवं कुलसचिव प्रो बृजेश कुमार उपस्थित रहे। यह समझौता हस्ताक्षर की तारीख से पांच वर्ष के लिए प्रभावी रहेगा। समझौते के अंतर्गत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से संकाय प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करेंगे। इस समझौते के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष एआईसीटीई और एमएमएमयूटी संयुक्त रूप से 10 प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करेंगे। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सभी एआईसीटीई अनुमोदित संस्थान के शिक्षक प्रतिभाग कर सकेंगे। इन कार्यक्रमों का वित्तीय व्यय भार दोनों संस्थान संयुक्त रूप से वहन करेंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम परीक्षा सुधार, छात्रों में संज्ञानात्मक क्षमता एवं डिजाइन कौशल का विकास, नवाचार एवं सामाजिक उद्यमिता, एन बी ए एक्रेडिटेशन, ए आई सी टी आई मॉडल क्यूरिकलम, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स विषयों पर केंद्रित होंगे। एआईसीटीई ने विश्वविद्यालय को गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के कौशल विकास, विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को और समृद्ध करने एवं छात्रों को एआईसीटीई इंटर्नशिप की सुविधा प्रदान करने के संबंध में भी मदद करने का आश्वासन दिया। प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि प्रयास है कि छात्रों में अधिक से अधिक कौशल विकसित हो। छात्रों का कौशल विकास शिक्षकों के कौशल विकास के माध्यम से हो। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि एआईसीटीई देश में तकनीकी शिक्षा के विकास के लिए प्रयासरत है। एमएमएमयूटी इस नए प्रयास में भागीदारी कर रहा है।