GORAKHPUR ZOO में बन रहे सर्पेटेरियम में दिखेंगी सांप की 9 प्रजातियां
शहीद अशफाक उल्ला खा प्राणी उद्यान में सर्पेटेरियम का निर्माण कार्य जोरों पर हैं। यहां सांप की 9 प्रजातियों को रखा जाएगा। इसके अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 10 बाड़े निर्मित किए जा रहे हैं। पायथन के...
शहीद अशफाक उल्ला खा प्राणी उद्यान में सर्पेटेरियम का निर्माण कार्य जोरों पर हैं। यहां सांप की 9 प्रजातियों को रखा जाएगा। इसके अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 10 बाड़े निर्मित किए जा रहे हैं। पायथन के लिए यहां 02 बाड़े बनाए जा रहे हैं। इन बाड़ों में शहर में आए दिन रेस्क्यू किए जाने वाले पायथन को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।
सांप के लिए जरूरी है कि मौसम कोई भी उन्हें 24-25 डिग्री सेल्सियस से 30-32 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान मिले। कानपुर प्राणी उद्यान के विशेषज्ञ डॉ आरके सिंह कहते हैं कि इसलिए गोरखपुर प्राणी उद्यान में सेंट्रल एसी-वीआरवी सिस्टम का इंस्टाल होगा। ताकि हर मौसम में तापमान नियंत्रित रखा जा सके। दूसरे जिस बाडा में जितनी जरूरत है, उतना तापमान बनाए रखा जा सके। कानुपर एवं लखनऊ प्राणी उद्यान में इन सुविधाओं के अभाव में कई बार सर्दियों में ज्यादा वॉट के बल्ब, हीटर का इस्तेमाल करना पड़ता है तो गर्मी के दिनों में रेन-गन से ठण्डे पानी के छिड़कांव के साथ कूलर का इस्तेमाल करना पड़ता है। सांप को खाने के लिए चूहे, मेढ़क, खरगोश, मुर्गा आदि खाने के लिए दिए जाएंगे। इनके बाड़ों के आगे मोटे शीशे लगाए जा रहे ताकि उन्हें आसानी से देखा जा सके। इनके रखरखाव के लिए बाड़े में प्रवेश का मार्ग पीछे से बनाया गया है।
प्रजनन के लिए भी तापमान का ध्यान रखना जरूरी
सांप के प्रजनन के लिए तापमान को उनकी जरूरत के हिसाब से बनाए रखना जरूरी होता है। अन्यथा उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है। ठंड शुरू होते ही सांप सुषुप्तावस्था यानी हाइबरनेशन में चले जाते हैं। ऐसे में चिड़ियाघर में सांप देखने के शौकीनों को थोड़ी निराशा हो सकती है। डॉ सिंह कहते हैं कि यह आवश्यक भी है क्योंकि सांप की प्राकृतिक जैविक घड़ी को भी संचालित करना जरूरी है।
सर्पेटेरियम में किए जाएंगे इनरीचमेंट
सर्पेटेरियम में सांप को उसके प्राकृतिक आवास की तरह वातावरण मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की राय पर इनरीचमेंट के काम किए जा रहे हैं। इनके बाड़ों की छत पॉलीकैब्स की लगाई जा रही ताकि प्राकृतिक धूप भी मिल सके। बाड़ों में पॉन्ड भी बनाए जाएंगे। यहां बाड़े बड़े बनाए गए ताकि सांप को घूमने-फिरने की पर्याप्त जगह मिले। सहायक वन संरक्षक संजय मल्ल कहते कि सांप शांत न बैठे इसके लिए लकड़ी के लठ्ठे, पत्थर की छोटी छोटी गुफाएं, चढ़ने-उतरने के लिए 2 से तीन फीट ऊंची दीवार भी निर्मित की जाएगी। लकड़ी के लठ्ठों की रगड़ से वे अपनी कोचुल उतार सके।
सर्पेटेरियम में दिखेंगी 9 प्रजातियां
पायथन, रैट स्नेक, रसेल वाइपर, किंग कोबरा, कोबरा, चेकर्ड किल बैक, बोआ, सैंड बोआ, पिट वाइपर।