8 माह में 5 संविदाकर्मियों की करंट से मौत
बिजली अभियंताओं व संविदा ठेकेदार की मिलीभगत से 8 माह में 5 संविदा कर्मचारियों को जान गवानी पड़ी है। संविदा अनुबन्ध में ठेकेदार को अपने सभी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराना अनिवार्य है। बावजूद...
बिजली अभियंताओं व संविदा ठेकेदार की मिलीभगत से 8 माह में 5 संविदा कर्मचारियों को जान गवानी पड़ी है। संविदा अनुबन्ध में ठेकेदार को अपने सभी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराना अनिवार्य है। बावजूद इसके ठेकेदार ने किसी भी कर्मचारी को सुरक्षा उपकरण नहीं मुहैया कराया। जिम्मेदार अधिकारियों ने भी उपकरण मुहैया कराने के लिए ठेकेदार पर दबाव बनाया होता तो संविदा कर्मचारियों की जान बच जाती।
लापरवाही
ठेकेदार ने सुरक्षा उपकरण नहीं दिया कर्मचारियों को
अधिकारियों ने ठेकेदार से उपकरण मुहैया कराना मुनासिब नहीं समझा
जूनियर इंजीनियर संगठन की मांग पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया
बीते 8 माह में 5 संविदा कर्मचारियों की मौत फाल्ट बनाते समय करंट से हो चुकी है। 9 मई को पीपीगंज क्षेत्र में आंधी के दौरान टूटा जम्फर जोड़ते समय विनोद तिवारी नामक संविदाकर्मी की मौत हो गई। 26 मई को गोरखनाथ क्षेत्र में फाल्ट बनाते समय संविदा कर्मी अखिलेश निषाद करंट लगने से झुलस गया। बाद में उसकी मौत हो गई। 22 जुलाई को महानगर के राजेन्द्रनगर में फाल्ट बनाते समय करंट लगने से चौथी प्रसाद नामक संविदा कर्मी बूरी तरह झुलस गया। बीआरडी मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके अलावा गोला बाजार और बड़हजगंज में दो संविदा कर्मचारियों की भी फाल्ट बनाते समय करंट लगने से मौत हो गई।
बिजली अभियंताओं की लापरवाही से खम्भें पर धू-धू कर जला संविदा लाइनमैन
ठेकेदार नहीं उपलब्ध कराते सुरक्षा उपकरण
इन संविदा कर्मचारियों को ठेकेदार द्वारा सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया था। जानकार बताते है कि सुरक्षा उपकरण से यदि यह कर्मचारी लैस होते तो करंट से उनका बचाव होता। अधिकारियों ने भी अपने फायदे के लिए ठेकेदार पर सुरक्षा उपकरण देने का दबाव नहीं बनाया। अधिकारियों व ठेकेदार की लापरवाही की सजा संविदा कर्मचारियों को भुगतनी पड़ी। जूनियर इंजीनियर संगठन ने सितम्बर में मुख्य अभियंता को ज्ञापन देकर उपके न्द्र का परिचालन प्रशिक्षित ठेका कर्मचारियों से कराने की मांग की। इसके साथ ही कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मसलन सेफ्टी बेल्ट, ग्लब्स, सेफ्टी जूता, अर्थ चेन, मुहैया कराने की मांग की। बावजूद मुख्य अभियंता ने संगठन के मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजा एक के बाद एक घटना होती रही।
देर रात तक मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस जमी रही
रामगढ फीडर के ढोलबजवा में शाम 4.30 बजे करंट लगने से सविंदा कर्मचारी धर्मवीर की मौत के बाद मौके पर देररात तक बिजली निगम के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। देररात 9.30 बजे तक मौके पर खोराबार, झंगहा और चौरीचौरा पुलिस के साथ ही तहसीलदार सदर तपन मिश्र जमे रहे। फायर बिग्रेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंची लेकिन वे 11 हजार की लाइन पर सीढ़ी लगाने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में संविदा कर्मी की लाश तार पर लटकी रही। मौके पर लाइनमैन या जेई के पहुंचने का इंतजार होता रहा।