39 हजार शहरियों ने दो साल में एक रुपये भी बिल नहीं भरा
शहर के 39 हजार बिजली उपभोक्ताओं ने दो साल एक रुपया भी बिल नहीं भरा। इस दौरान इनके यहां मीटर रीडर पहुंचे ही नहीं। इन उपभोक्ताओं ने भी बिल बनवाने की कोशिश नहीं की। अब पॉवर कारपोरेशन ने मुख्य अभियंता को...
शहर के 39 हजार बिजली उपभोक्ताओं ने दो साल एक रुपया भी बिल नहीं भरा। इस दौरान इनके यहां मीटर रीडर पहुंचे ही नहीं। इन उपभोक्ताओं ने भी बिल बनवाने की कोशिश नहीं की। अब पॉवर कारपोरेशन ने मुख्य अभियंता को सूची भेजकर बिल बनवाने व राजस्व वसूली का निर्देश दिया है।
सूची के साथ मुख्यालय का निर्देश मिलने पर मुख्य अभियंता ने बुधवार को बिलिंग एजेंसी बीसीआईटीएस के अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि मीटर रीडरों की लापरवाही से 39 हजार उपभोक्ता दो साल से बिल नहीं भर रहे हैं। इससे लाइन लॉस भी बढ़ रहा है। इसके बावजूद चारों के खण्डों के अभियंताओं ने भी इसकी खोज खबर नहीं ली। उपभोक्ताओं ने भी बिल न मिलने की कोई शिकायत नहीं की। अब इतने दिन के बिल सीडीएफ श्रेणी में लाखों रुपये के बनेंगे। उन्होंने बिलिंग एजेंसी के जिम्मेदारों को दो दिन में सभी के बिल बनाने के निर्देश दिये।
चिह्नित उपभोक्ताओं ने सितम्बर-17 में भुगतान किया
पॉवर कॉरपोरेशन के पत्र के मुताबिक 39 हजार कनेक्शनधारकों ने सितम्बर-17 में अंतिम बार आनलाइन बिलिंग सिस्टम में बिल का भुगातन किया है। इसके बाद सिस्टम जनरेटेड 60 यूनिट का बिल इनकी आईडी पर दिख रहा है।
60 से 70 हजार रुपये का बिल बनेगा प्रत्येक कनेक्शन पर
अफसरों का कहना है कि सभी कनेक्शन दो किलोवाट से अधिक के है। दो साल में इनके मीटर में अच्छी खासी रीडिंग होगी। ऐसे में अब करीब 60 से 70 हजार रुपये का बिल बनेगा। एक संकट यह भी है कि एक साथ दो साल की खपत दर्ज करने पर सिस्टम सीडीएफ श्रेणी में बिल बना देगा। ऐसे में बिल सुधार करने की आवश्यकता पड़ेगी।
उपभोक्ता भी चुप बैठे रहे
मुख्य अभियंता ई. देवेन्द सिंह ने बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए कारपोरेशन ने ट्रस्ट रीडिंग के पांच विकल्प दिए हैं। लेकिन उपभोक्ताओं ने किसी विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया। अब एक साथ 60 से 70 हजार का बिल मिलने पर शिकायत करेंगे।
ये हैं बिल बनवाने के विकल्प
कारपोरेशन की वेबसाइट पर पंजीकरण कर उपभोक्ता रीडिंग दर्ज कर बिल बना सकते है।
दो एप भी है जिनके जरिए ट्रस्ट रीडिंग पर बिल बनाए जा सकते है।
इसके अलावा काउण्टर पर रीडिंग बताकर बिल बनवा सकते है।
कंट्रोल रूम में फोन कर मीटर रीडिंग व कनेक्शन नंबर बताकर वाट्सएप पर बिल ले सकते हैं।