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गोरखपुर में जुटेंगे दक्षिण एशिया के 300 स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ

गर्भावस्था के दौरान 15 फीसदी महिलाओं को हाई बीपी, पीलिया, झटके आना, खून की कमी, तेज बुखार और बेहोशी जैसी गंभीर बीमारियां हो जाती है। यह बीमारियां ही प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत की सबसे बड़ी वजह...

गोरखपुर में जुटेंगे दक्षिण एशिया के 300 स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ
हिन्‍दुस्‍तान टीम,गोरखपुरSat, 20 Jul 2019 07:00 PM
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गर्भावस्था के दौरान 15 फीसदी महिलाओं को हाई बीपी, पीलिया, झटके आना, खून की कमी, तेज बुखार और बेहोशी जैसी गंभीर बीमारियां हो जाती है। यह बीमारियां ही प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत की सबसे बड़ी वजह है। इन बीमारियों का इलाज जरूरी है। इस दौरान गर्भस्थ शिशु की सेहत का भी ख्याल रखना पड़ता है। इन्ही मुदुदों पर आगामी दो से चार अगस्त तक दक्षिण एशिया के 300 से अधिक स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ गोरखपुर में मंथन करेंगे। 

दो अगस्त से शुरू होगा तीन दिवसीय सेमिनार
यूनाइटेड किंगडम, बंगलादेश और नेपाल के डॉक्टर देंगे व्याख्यान
गोरखपुर में पहली बार आयोजित होगा गायनी विशेषज्ञों का अंतर्राष्ट्रीय 

यह जानकारी फाग्सी इंटरनेशनल कांफ्रेंस कमेटी की डॉ. साधना गुप्ता, डॉ. रीना श्रीवास्तव, डॉ. अमृता जायपुरियार, डॉ. बबिता शुक्ला, डॉ. सुरहिता करीम और डॉ. मीनाक्षी गुप्ता ने दी। डॉक्टरों ने बताया कि स्त्री रोग विशेषज्ञों का अंतराष्ट्रीय स्तर का सेमिनार गोरखपुर में पहली बार हो रहा है। इस सेमिनार में देश के अलग-अलग प्रांतों के नामी चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञों के अलावा यूनाइटेड किंगडम, बंगलादेश और नेपाल के डॉक्टर भी शामिल होंगे। इस सेमिनार की थीम है सेविंग मदर्स। सेमिनार में 40 शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। 

डॉक्टरों ने बताया कि तीन दिवसीय सेमिनार में गर्भावस्था के दौरान होने वाली बीमारियों, उनके इलाज के प्रोटोकॉल पर पहले सत्र में चर्चा होगी। दूसरे सत्र में लेबर रूम के लिए आवश्यक संसाधन, प्रोटोकाल, प्रसव के दौरान होने वाली परेशानियों पर मंथन होगा। प्रसूता की हालत गंभीर होने पर जान बचाने के उपायों की जानकारी पर तीसरे दिन चर्चा होगी। 

मिली है अंतरराष्ट्रीय मान्यता 
उन्होने बताया कि इस सेमिनार को दक्षिण एशिया की प्रसूति रोग संस्था सैफोग ने मान्यता दी है। इसके अलावा सेमिनार में इंडिया कॉलेज ऑफ आब्स एंड गायनिक, रॉयल कालेज ऑफ आब्स एंड गायनिक और जेस्टोसिस जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे। इसमें लेबर रूम स्टॉफ की दक्षता को बढ़ाने के लिए एक अतिरिक्त सेशन आयोजित होगा। 
 

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