विभागीय कर्मचारी ही हर महीने 'हड़प' रहे लाखों यूनिट बिजली
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-मोहद्दीपुर हाईडिल कालोनी व बिजली दफ्तरों में बेतहाशा बिजली खपत
-मोहद्दीपुर उपकेंद्र के सब स्टेशन फीडर से दी जाती है बिजली
-इस फीडर पर 70 फीसदी से अधिक लाइनलास
-इस लाइनलास को लेकर ऊर्जा निगम के एमडी ने जताई है नाराजगी
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली निगम के नियम जितने सख्त है। बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं के लिए उतने ही लचर। हालत यह है कि पांच लाख यूनिट बिजली 250 कर्मचारी व अभियंता अपने आवास और दफ्तरों में हर महीने खपत कर रह है। ऐसा वे बिजली निगम के एक नियम के तहत कर रहे है। जिसमें बिजली निगम में काम करने वाले कर्मचारियों व अभियंताओं को सस्ती बिजली देने का प्रावधान है। बड़े पैमाने पर बिजली खपत से मोहद्दीपुर उपकेन्द्र का सबस्टेशन फीडर 'कराह' रहा है। इस फीडर पर वर्तमान समय में लाइनलास बढ़कर 70 फीसदी हो गया है। ऊर्जा निगम के एमडी ने इसको लेकर नाराजगी जताई है। फीडर मैनेजर (जेई) के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
दरअसल बिजली निगम के कर्मचारियों व अभियंताओं के लिए शहर के मोहद्दीपुर में हाईडिल कालोनी में 250 आवास बने है। इसमें कर्मचारी व अभियंता परिवार के साथ रहते है। कालोनी में मुख्य अभियंता, ग्रामीण एसई व आधा दर्जन एक्सईएन दफ्तर भी है। इन सभी को मोहद्दीपुर उपकेन्द्र के सबस्टेशन फीडर से बिजली आपूर्ति की जाती है। जबकि सब स्टेशन फीडर से उपकेन्द्र परिसर को बिजली देने का प्रावधान है। इसके तहत उपकेन्द्र परिसर में 63 केवी का ट्रांसफार्मर भी लगाया जाता है। मोहद्दीपुर उपकेन्द्र के सब स्टेशन फीडर पर लगे ट्रांसफार्मर को अफसरों ने अपनी आवश्यकता के मुताबिक क्षमता वृद्वि कराया। इस ट्रांसफार्मर से मुख्य अभियंता आवास के साथ ही विभिन्न दफ्तरों को भी जोड़कर बिजली आपूर्ति शुरू करा दी। सूत्रों के मुताबिक उपकेन्द्र फीडर पर बेतहाशा बिजली इस्तेमाल होने से लाइन लास भी 40 फीसदी से बढ़कर जुलाई में 70 फीसदी से अधिक हो गया। बिजली खपत का आकड़ा भी .567 मिलियन यूनिट है। फीडरों की आनलाइन मानिटरिंग में बिजली खपत का आकड़ा सामने आने पर अफसरों की पेशानी पर बल आ गया। अब उसे कम करने की कवायद शुरू करने की योजना बना रहे हैं। मुख्य अभियंता दफ्तर, उपमुख्य लेखाधिकारी कार्यालय, ग्रामीण विद्युत खण्ड प्रथम व द्वितीय, ग्रामीण विद्युत वितरण मण्डल प्रथम व द्वितीय, एक्सईएन वर्कशाप, नगरीय विद्युत वितरण खण्ड तृतीय, एक्सईएन मीटर परीक्षण को सब स्टेशन फीडर से बिजली आपूर्ति होती है।
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दफ्तरों व आवास में एसी का इस्तेमाल
मुख्य अभियंता दफ्तर समेत आधा दर्जन दफ्तरों में नियमों की अनदेखी कर एसी का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। अधिकारी के कक्ष के साथ ही अन्य कक्षों में एसी लगी है। कुछ दफ्तरों में कर्मचारियों ने ठेकेदारों के सहयोग से एसी लगवा लिया है। ग्रामीण विरतण खण्ड प्रथम व द्वितीय में एक्सईएन कक्ष को छोड़कर देखा जाए तो करीब दर्जन भर से अधिक कक्षों में एसी व कूलर लगे हैं।
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प्रावधान की भी अनदेखी
ऊर्जा निगम ने कर्मचारियों व अभियंताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराने के साथ ही एसी के इस्तेमाल की सूचना देने का प्रावधान किया है। एसी के लिए हर माह निर्धारित बिजली बिल के साथ ही 500 रुपये अतिरिक्त भी देना पड़ता है। कार्मिकों ने इसमें भी खेल किया है। सूत्रों के मुताबिक बिना सूचना दिए ही कर्मचारियों व अभियंताओं ने अपने आवास में दो से तीन एसई लगवा लिए हैं। जांच पड़ताल नहीं होने से वे बेधड़क एसी चला रहे हैं। एसी लगाने की सूचना आठ से दस कार्मिकों ने दी है।
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मोहद्दीपुर उपकेन्द्र के सब स्टेशन फीडर पर 70 फीसदी लाइन लास का प्रकरण गम्भीर है। ऊर्जा निगम के एमडी ने फीडर मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। सोमवार को पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। यह भी हो सकता है कि फीडर पर उपभोक्ताओं की टैंगिग प्रापर न हो।
ई. देवेन्द्र सिंह, सीई गोरखपुर जोन