
गुड न्यूज: यूपी में खंड शिक्षा अधिकारियों की भर्ती का रास्ता साफ, जल्द आएगा विज्ञापन
संक्षेप: पहले समकक्षता के नाम पर ऐसे अभ्यर्थी भी आवेदन कर देते थे जो भर्ती के योग्य नहीं थे। इसके चलते बाद में मुकदमेबाजी होती थी। जानकारों की मानें तो शिक्षा निदेशालय की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी के 134 रिक्त पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पहले ही भेजा जा चुका है।
Recruitment of Block Education Officers: बेसिक शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा संशोधित नियमावली 1992 जारी कर दी गई है। खास बात यह है कि नियमावली में भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता से समकक्षता शब्द को हटा दिया गया है। पहले नियमावली में किसी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर उपाधि या समकक्ष मान्यता प्राप्त उपाधि धारक अभ्यर्थी आवेदन के लिए अर्ह थे। अब किसी विश्वविद्यालय, मानित विश्वविद्यालय या संस्था से स्नातकोत्तर उपाधि धारक अभ्यर्थी को आवेदन के योग्य माना गया है।

इस संशोधन से समकक्षता के नाम पर होने वाली कानूनी अड़चन दूर होगी। पहले समकक्षता के नाम पर ऐसे अभ्यर्थी भी आवेदन कर देते थे जो भर्ती के योग्य नहीं थे और बाद में मुकदमेबाजी होती थी। जानकारों की मानें तो शिक्षा निदेशालय की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी के 134 रिक्त पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पहले ही भेजा जा चुका है।
अब संशोधित नियमावली भेजी जाएगी। जल्द ही नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होने की उम्मीद है। इससे पहले आयोग ने 2019 में खंड शिक्षा अधिकारी के 309 पदों पर चयन किया था। उस भर्ती के लिए पांच लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। उसके बाद छह साल से भर्ती नहीं आई है।
अधिमानी अर्हता से एलटी डिप्लोमा-बीटीसी बाहर
यही नहीं अधिमानी अर्हता से भी एलटी डिप्लोमा को हटा दिया गया है। पहले जो नियम था उसमें शिक्षा विभाग का एलटी डिप्लोमा, बीटीसी, बीएड या किसी विश्वविद्यालय की कोई समकक्ष उपाधि को मान्य किया गया था। हालांकि संशोधित नियमावली में अन्य बातों के समान होने पर सीधी भर्ती के मामले में ऐसे अभ्यर्थी को अधिमान दिया जाएगा जिसने एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्था से शिक्षा स्नातक (बीएड) की उपाधि प्राप्त की हो।





