
गुड न्यूज: यूपी के इन शिक्षकों को जल्द मिलेगा प्रमोशन, 15 साल बाद मिलने जा रहा मौका
संक्षेप: हाईकोर्ट में दायर याचिका में 24 अप्रैल के आदेश के अनुपालन में अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी होनी है। निदेशालय की ओर से 2 मई और 2 जून को भी नई आपत्तियां मांगी गई थीं। आपत्तियां, अब तक प्राप्त नहीं हो सकी हैं। अब इन 10 विषयों के 1000 से अधिक शिक्षकों का प्रमोशन किया जाएगा।
Promotion of Teachers: उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत एक हजार से अधिक पुरुष शाखा के एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) शिक्षकों की 15 साल बाद पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अजय कुमार द्विवेदी ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों से सहायक अध्यापकों की 2001 से 2019 तक की अनंतिम ज्येष्ठता सूची में नई आपत्तियां लेने के निर्देश दिए हैं। एलटी ग्रेड शिक्षकों की पदोन्नति 2009 में हुई थी।

उसके बाद 2022 में नौ विषय के 994 शिक्षकों की पदोन्नति हुई लेकिन वरिष्ठता सूची में विवाद के कारण दस विषय के 1031 शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हो सकी। उसके बाद शिक्षा निदेशालय ने 16 जून 2022 को जारी अनंतिम ज्येष्ठता सूची में सम्मिलित शिक्षकों के विवरण जैसे जन्मतिथि, गृह जनपद, शैक्षिक अर्हता, कार्यभार ग्रहण की तिथि आदि में त्रुटि होने अथवा ज्येष्ठता सूची में नाम सम्मिलित न होने/नाम छूटे होने के संबंध में प्राप्त प्रत्यावेदनों के परीक्षण के बाद संशोधित ज्येष्ठता सूची जारी की गई थी।
हालांकि अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी नहीं हो सकी थी। इस बीच हाईकोर्ट में दायर याचिका में 24 अप्रैल के आदेश के अनुपालन में अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी होनी है। निदेशालय की ओर से दो मई और दो जून को भी नई आपत्तियां मांगी गई थी जो अब तक प्राप्त नहीं हो सकी है। अब इन दस विषयों के एक हजार से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति की जाएगी।
विद्यालय को सीधे मिलेंगे 10 रुपये
यूपी बोर्ड के 28 हजार से अधिक स्कूलों में कक्षा नौ और 11 के छात्र-छात्राओं के पंजीकरण पर 10 रुपये सीधे स्कूल को मिलेंगे। इससे पहले प्रक्रिया इतनी उलझाने वाली थी कि इसमें महीनों लग जाते थे। संशोधन को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है।
अभी तक यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में संस्थागत (रेगुलर) अभ्यर्थी के रूप में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को स्कूलों में कक्षा नौ तथा 11 में प्रवेश लेते समय शुल्क के रूप में 50 रुपये देना होता है। प्रधानाचार्य ये 50 रुपये राजकोष (ट्रेजरी) में जमा करते हैं। फिर शुल्क वापसी के लिए यूपी बोर्ड को मांगपत्र भेजते थे और शासन से बजट मिलने के बाद स्कूलों को शुल्क वापसी होती थी। अब प्रधानाचार्य प्रति छात्र मिलने वाले पंजीकरण शुल्क 50 रुपये में से 40 रुपये राजकोष में जमा करेंगे और दस रुपये स्कूल के खाते में जमा किए जाएंगे।





