ट्रेन यात्रियों के लिए अच्छी खबर, जरूरत पड़ने पर सीट पर ही मिलेगी मदद
ट्रेन यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। जरूरत पड़ने पर यात्रियों को सीट पर ही मदद मिलेगी। सीट पर ही बटन लगेगा। साथ ही पैसेंजर एप से मदद मांग सकेंगे।
ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को जरूरत पड़ने पर अटेंडेंट से मदद मांगनी पड़ती हैं। कभी-कभी सोशल मीडिया का भी सहारा लेना पड़ता है। पर, जल्द ही उन्हें सीट पर ही मदद मिल सकेगी। पुणे की कंपनी की ओर से पैसेंजर कॉल रिक्वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम तकनीकी विकसित किया गया है। कंपनी के प्रतिनिधि प्रभंजन बोरकर ने बताया कि इस तकनीकी में सीट पर ही बटन लगेगा। साथ ही पैसेंजर एप से मदद मांग सकेंगे, जो सीधे लोको पायलटों, अटेंडेंट आदि को सूचना पहुंचा देगा। उक्त बातें भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के सहयोग से 28 से 30 नवंबर 2024 तक आरडीएसओ ग्राउंड में इनोरेल के छठे संस्करण का आयोजन कर रहा है। रोलिंग स्टॉक में तकनीकी प्रगति और नवाचार पर दूसरे दिन तकनीकी सत्र में विशेषज्ञों ने अपने राय व्यक्त किए।
शुक्रवार को प्रदर्शनी में जहां रेलवे की अत्याधुनिक तकनीकियों से रूबरू होने के लिए लोग पहुंचे, वहीं दुनियाभर से आए रेलवे विशेषज्ञों ने सेमिनार में अपनी बात रखी। प्रदर्शनी में 175 देशों की कंपनियां शामिल हुई हैं, जिसमें रूस, ऑस्ट्रिया, जर्मनी प्रमुख हैं। हाइड्रोजन ट्रेन पर आरडीएसओ में अनुसंधान चल रहा है। इस मुद्दे पर टीयूवी एसयूडी साउथ एशिया के बिजनेस यूनिट मैनेजर रेने बम्बोर विचार व्यक्त किए। उन्होंने हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों में सेफ्टी के मुद्दे को उठाया। एलओबी वाहन ग्लोबल रोलिंग स्टॉक प्लेटफॉर्म हिताची रेल के प्रबंधन प्रमुख एलेसेंड्रो वानुची ने ट्रेनों में बॉडी डिजाइन, हादसों से बचाने के तरीकों, इंटीरियर डिजाइन और ऊर्जा बचाने को लेकर अपनी बात कही। रोलिंग स्टॉक को अत्याधुनिक बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों पर चल रहा काम
डीजल इंजनों की जगह रेलवे इलेक्ट्रिक इंजनों का इस्तेमाल कर रही है। इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है और रेलवे में राजस्व की बचत भी हो रही है। वहीं अब हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों पर काम चल रहा है। यह भविष्य का ईंधन है, जो परिवहन की तस्वीर बदल देंगी। भारतीय उद्योग परिसंघ(सीआईआई) एवं अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के सहयोग से आरडीएसओ स्टेडियम में चल रहे इनो रेल प्रदर्शनी के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने यह बात कही।
हैक नहीं होंगे रेलवे कंप्यूटर, लैपटॉप
रेलवे कम्प्यूटरों, अधिकारियों के लैपटापों को हैकरों से बचाने के लिए सी-डॉट की ओर से सिस्टम विकसित किया जा रहा है। प्रदर्शनी में सी-डॉट के स्टॉल पर मौजूद प्रतिनिधि योगेश ने बताया कि रेलवे की 12 लोगों की टीम इस पूरे सिस्टम को मॉनिटर करेगी। यह सिस्टम जल्द तैयार हो जाएगा।
वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस सेवा जल्द
इस सत्र में बोलते हुए कपूरकथा रेल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक एसके सूरी ने भारतीय रेलवे में तकनीकी के तहत उन्होंने वंदे भारत एक्सप्रेस के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमें वंदे भारत के विश्व स्तरीय इंटीरियर, स्व-प्रणोदन प्रणाली और रफ्तार के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सीटिंग क्षमता वाली वंदे भारत जल्द ही वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ जल्द ही लॉन्च भी किया जाएगा।
ग्राहक असुविधा रोकने के लिए पूर्वोनुमान जरूरी
आरएंडडी के उपाध्यक्ष संदीप खराटे ने बताया कि नए उत्पाद विकास लॉरिट्ज नुडसन इलेक्ट्रिकल एंड ऑटोमेशन ने मुख्य रूप से ब्रेकडाउन और ग्राहक असुविधा को रोकने के लिए पूर्वानुमानित रखरखाव के रणनीतियों पर जोर दिया। प्रतिक्रियाशील, नियोजित, सक्रिय और पूर्वानुमानित साथ ही स्मार्टकॉम सॉफ्टवेयर पर प्रकाश डाला जो एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो डिजिटल लॉगबुक, सुरक्षा सुविधाएं पूर्वानुमानित करता है।