अपना घर की चाहत रखने वालों के लिए खुशखबरी, लखनऊ संग इन जिलों में लॉन्च होगी आवासीय योजना
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद लखनऊ के साथ ही अब छोटे शहरों में अपनी आवासीय योजना लान्च करने जा रहा है। इस कड़ी में वह सबसे पहले प्रतापगढ़, गाजीपुर और मऊ में अपनी आवासीय योजना लॉन्च करेगा।

उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद लखनऊ के साथ ही अब छोटे शहरों में अपनी आवासीय योजना लान्च करने जा रहा है। इस कड़ी में वह सबसे पहले प्रतापगढ़, गाजीपुर और मऊ में अपनी आवासीय योजना लॉन्च करेगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया दो साल में पूरी हो जाएगी। उसके बाद वहां आवासीय भूखंड बना कर बेचे जाएंगे।
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद बोर्ड की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि प्रतापगढ़ में तहसील सदर में स्थित ग्राम टेउंगा, बडनपुर व जहनईपुर ग्राम सभा और काश्तकारों की भूमि को आवास विकास अपनी आवासीय योजना के लिए लेगा। यहां भूमि अधिग्रहण पर 115.72 करोड़ और विकास कार्य पर 824.24 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
गाजीपुर में गाजीपुर-मऊ राजमार्ग पर ग्राम समाज और ग्राम जमुनादेवा में जमीन का अधिग्रहण आवासीय योजना के लिए किया जाएगा। यहां पर 865.22 करोड़ की लागत से योजना विकसित की जाएगी। मऊ में गोरखपुर मार्ग पर आवासीय योजना बनाई जाएगी।
मऊ के तहसील मऊनाथ भंजन के पास ग्राम रेवरीडीह, मेघई मो. शहरोज, डडीखास और शहारोज में आवासीय योजना के लिए भूमि ली जाएगी। यहां पर आवासीय योजना में जमीन अधिग्रहण में 378 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
अपर आवास आयुक्त एवं सचिव ने बताया कि उक्त शहरों में आवासीय योजना के लिए जमीनें तीन प्रकार से ली जाएंगी। पहला आपसी समझौते से, दूसरा लैंड पुलिंग और तीसरा अधिग्रहण से। उन्होंने बताया कि भूमि लेने में आवास एवं विकास परिषद को लगभग दो साल लग जाएंगे।
उसके बाद वहां पर आवासीय योजना के लिए प्लाटिंग आदि का काम किया जाएगा। सभी जमीनें नगर पालिका परिषद की सीमा से सटे क्षेत्र में ली जाएंगी। लोगों तक इस योजना को पहुंचाने में चार साल लग जाएंगे। उक्त शहरों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सेवानिवृत्त डिप्टी कलक्टर को एक वर्ष के लिए मानदेय पर रखा जाएगा।
इन नई योजनाओं को संचालित किए जाने के लिए एक-एक कानूनगो, एक-एक लेखपाल एवं एक-एक कंप्यूटर ऑपरेटर भी रखे जाने का प्रस्ताव भी बोर्ड बैठक में पास किया गया।
वित्तीय नुकसान पहुंचाने पर पेंशन में होगी कटौती
अपर आयुक्त आवास एवं सचिव ने बताया कि आवास एवं विकास परिषद को वित्तीय नुकसान पहुंचाने पर सेवानिवृत्त चार अभियंताओं की पेंशन में अगले तीन साल तक तीन प्रतिशत की कटौती करने का बोर्ड में फैसला लिया गया। इसमें अधिक्षण अभियंता आरएल यादव और राजीव कुमार, जेई राजीव अग्रवाल और एई सत्येंद्र कुमार कुंदर शामिल हैं।
इन लोगों ने नागरिक उड्डयन विभाग से बिना एनओसी लिए आवास एवं विकास परिषद की अवध विहार टॉवर सेक्टर दो ए में मंदाकिनी और भागीरथी इंक्लेव को 16-16 मंजिला बनवाना शुरू कर दिया था। 14 मंजिल के बाद नागरिक उड्डयन की ओर से शेष दो मंजिलों को बनाने की अनुमति नहीं दी गई।
शेष दो मंजिल न बनने पर आवास एवं विकास परिषद को पूरी योजना की लागत के अनुसार आय नहीं हुई। इस मामले में बैठाई गई जांच में उक्त अभियंताओं को इस बात के लिए दोषी पाया गया कि बिना एनओसी लिए ही 16 मंजिला टॉवर को लेकर योजना लांच करवा दिया। लिहाजा, बोर्ड के निर्णय के अनुसार चारों अभियंताओं के पेंशन में अगले दो वर्ष के लिए तीन प्रतिशत की कटौती की जाएगी।