चुनावी सहालग में प्रिटिंग प्रेस का कारोबार मंदा
विधानसभा चुनाव में कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने कई तरह की बंदिशें लगा रखी हैं। इसी के चलते अच्छे धंधे की उम्मीद कर रहे प्रिंटिंग प्रेस...
जिले के प्रिटिंग प्रेस कारोबारियों को अभी तक नहीं मिले चुनावी ऑर्डर
हेडिंग...
चुनावी सहालग में प्रिटिंग प्रेस का कारोबार मंदा
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अन्य आर्डर भी मिलना बंद
मशीन का रखरखाव महंगा, पहले से मंगाया गया माल हुआ डंप
गोण्डा। सच्चिदानंद शुक्ल
विधानसभा चुनाव में कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने कई तरह की बंदिशें लगा रखी हैं। इसी के चलते अच्छे धंधे की उम्मीद कर रहे प्रिंटिंग प्रेस कारोबारी थोड़ा मायूस हैं। हालांकि, उनको उम्मीद है कि दावेदार तय होने के बाद थोड़ा बहुत काम मिल जाएगा। चुनाव से पहले की इन कारोबारियों ने कच्चा माल मंगा लिया था। लेकिन चुनाव में वर्चुअल प्रचार को देखते हुए प्रिटिंग प्रेस कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं।
जिला मुख्यालय पर करीब डेढ़ दर्जन कारोबारी प्रिंटिंग प्रेस और फ्लैक्सी बनाने का काम करते हैं। प्रिंटिंग प्रेस संचालक उदय चंद्र गुप्ता और अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनाव में बेहतर कारोबार हुआ था। विधानसभा चुनाव को लेकर भी अच्छे कारोबार की उम्मीद थी। लेकिन कोरोना संक्रमण और आयोग की पाबंदियों से पुराने आर्डर भी कैंसिल हो गए। हर चुनाव में करीब चार से पांच लाख रुपये का कारोबार हो जाता था।
चुनाव में फ्लैक्स, पोस्टर, हैंडबिल, स्टीकर, कार्ड आदि की ज्यादा मांग रहती है। वहीं रैलियों में फ्लैक्स बैनर की डिमांड तिगुनी तक बढ़ जाती हैं। प्रिंटिंग प्रेस संचालक जमीर मुस्तफा का कहना है कि फलैक्स के रोल से लेकर इंक तक के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। लगभग 20 प्रतिशत तक दाम बढ़ गए हैं। मुनाफा कम होने के बावजूद भी चुनावों से अच्छी उम्मीद रहती है। लगता है इस बार कुछ नहीं मिलेगा।
चुनाव के चलते अन्य आर्डर भी बंद
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कारोबारियों को निजी व सरकारी स्तर पर मिलने वाला काम भी बंद हो गया। उदय चंद्र गुप्ता बताते हैं कि प्रिटिंग प्रेस मशीन का हेड रोजाना केमिकल से साफ करना पड़ता है। केमिकल बहुत मंहगा हो गया है। फ्लैक्स रोल के दाम भी बढ़ गए हैं।