Gonda Students Struggle for Competitive Exam Coaching Forced to Travel to Cities बोले गोण्डा: अभ्युदय जैसी कोचिंग और बढ़ें तो उम्मीदें जल्द परवान चढ़ें, Gonda Hindi News - Hindustan
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बोले गोण्डा: अभ्युदय जैसी कोचिंग और बढ़ें तो उम्मीदें जल्द परवान चढ़ें

Gonda News - गोंडा जिले के प्रतियोगी छात्रों को यूपीएससी और यूपीपीसीएस जैसी परीक्षाओं के लिए सही कोचिंग नहीं मिल रही है। इस कारण वे बड़े शहरों में जाने को मजबूर हैं। अभ्युदय योजना के तहत कुछ मुफ्त कोचिंग उपलब्ध...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोंडाFri, 19 Sep 2025 04:21 PM
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बोले गोण्डा: अभ्युदय जैसी कोचिंग और बढ़ें तो उम्मीदें जल्द परवान चढ़ें

जिले के प्रतियोगी छात्र-छात्राओं की प्रमुख समस्या मंडल मुख्यालय पर यूपीएससी और यूपीपीसीएस के लिए बेहतर कोचिंग न होना है। यही कारण है कि यहां के बच्चे बड़े शहरों में जाने को मजबूर हैं। यही नहीं बारहवीं पास करने के बाद मेडिकल, इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए बड़ी संख्या में बच्चे कोटा, प्रयागराज, लखनऊ व दिल्ली सहित अन्य शहरों में जाते हैं। गोण्डा। हर प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का सपना होता है कि वह अपने जीवन में सफल हो। उनके मन में प्रथम वरीयता सरकारी नौकरी मिल जाने की रहती है। इसे पाने के लिए वह दिन-रात एक कर देते हैं। जिले में बैंक और समूह ‘ग की भर्ती तैयारी को लेकर सिर्फ एक आध कोचिंग हैं।

जहां शिक्षा के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। हिन्दुस्तान के बोले गोंडा मुहिम में शहर के एलबीएस पीजी कॉलेज में अभ्युदय कोचिंग में पढ़ाई कर रहे छात्रों ने कहा कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रशासनिक सेवाओं से लेकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है। जिले में इन कोर्सों की पढ़ाई के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं हैं। इसके लिए गांव-कस्बों के संपन्न घरों के बच्चे बड़े शहर जाने को मजबूर हैं। हालांकि प्रदेश सरकार की तरफ से एलबीएस पीजी कॉलेज में अभ्युदय योजना के तहत कोचिंग संचालित की जा रही है, लेकिन ये युवाओं के लिए नाकाफी साबित हो रही है। शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं के दर्जनों कोचिंग सेंटर संचालित हैं। जिसमें से एकेडमिक और प्रतियोगी परीक्षाओं को मिलाकर 25 (वर्ष 2024-25) कोचिंग संस्थान शिक्षा विभाग में पंजीकृत हैं। इन सभी संस्थानों में हर दिन हजारों बच्चे पढ़ते हैं। जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं के कई ऐसे सेंटर हैं, जिनका विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं है। छात्र व छात्राओं को कोचिंग संचालक बेहतर सुविधाएं देने का दावा करते हैं, लेकिन उन्हें तमाम परेशानियों से जूझना पड़ता है। आने-जाने से लेकर सेंटर पर पार्किंग तक की समस्या बनी रहती है। लोगों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों का महंगी कोचिंग करना बस की बात नहीं है। इनके पास बेहतर कोचिंग के लिए फीस का पैसा नहीं होता है। इससे अच्छी कोचिंग नहीं मिल पाती है। फिर भी कोचिंग संचालक बेहतर सुविधाएं देने का दावा करते हैं लेकिन उन्हें तमाम परेशानियों से जूझना पड़ता है। छात्रों ने बताया कि आने-जाने से लेकर सेंटर पर पार्किंग तक की समस्या है। कभी इनके पास फीस का इंतजाम नहीं होता तो कभी बेहतर कोचिंग नहीं मिल पाती है। फिर भी अपने और माता-पिता के सपनों को साकार करने के लिए प्रतियोगी छात्र-छात्राएं दिन-रात मेहनत करने में गुरेज नहीं कर रहे हैं, उन्हें अपनी मेहनत के अनुरूप दिशा और बेहतर संस्थान न मिलने की कमी खलती रहती है। इन प्रतियोगी छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर आपके अपने ‘हिन्दुस्तान ने इनसे बात की तो इन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर की। सिविल सेवा की तैयारी के लिए छात्रों को शहर के बाहर जाने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है। यहां तैयारी कर रहे युवाओं को तमाम समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। छात्र कोचिंग सेंटर तक तो पहुंच जाते हैं, लेकिन वहां वाहन खड़ा करने की समस्या रहती है। पार्किंग के अभाव में वाहन सड़क पर खड़ा करते हैं। ऐसे में वाहन चोरी की आशंका बढ़ जाती है। कोचिंग संचालक भी चाहकर इसका इंतजाम नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही दूर-दराज से आने वाले बच्चों ने बताया कि अगर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते हैं तो देर शाम को वापसी के लिए वाहन नहीं मिलते हैं। इसके चलते कई बच्चे निजी वाहन से कोचिंग आने को मजबूर हैं। वहीं, कई बच्चे कुछ महीनों बाद ही यहां आ पाने से तौबा कर लेते हैं। डिजिटल लाइब्रेरी में कर रहे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को लेकर कई कोचिंग संस्थानों ने लाइब्रेरी खोल रखी है इस लाइब्रेरी में निश्चित फीस देकर सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे रहते हैं लाइब्रेरी व्यवस्था आने के बाद से इसमें पढ़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी। लाइब्रेरी संचालक का कहना है कि इस व्यवस्था में छात्र निश्चित फीस देकर प्रतिदिन घंटे के हिसाब से बैठकर अपनी तैयारी करते हैं बच्चों को सुविधाओं का ध्यान भी रखा जाता है। किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए बच्चों को हरसंभव मदद भी मुहैया कराई जाती है। लाइब्रेरी की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को अभ्युदय योजना का लाभ मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत गरीब विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए जनपद में कोचिंग सेंटर है। यह सेंटर एलबीएस पीजी कॉलेज में चलता है। इसमें मौजूदा समय में कुल 691 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था मिल रही है। इसमें बच्चे यूपीएससी की तैयारी करने का सपना संजोए हैं। बच्चों ने कहा, नौकरी मिलने पर होगा सपना साकार : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों ने कहा कि हमारा सपना पढ़ाई करके नौकरी पाने का है। लेकिन वर्तमान सरकार ने जो स्थिति खड़ी की है। इससे भविष्य को लेकर दिक्कत होती है। लोगों ने कहा कि सरकार विभागों का निजीकरण बंद करके अधिक पदों पर रोजगार दे इससे हमारा सपना साकार होगा। प्रस्तुति : रंजीत तिवारी/सच्चिदानंद शुक्ला बोले लोग --------------- जिले के तमाम परिवारों में बेटियों को परीक्षाओं की तैयारी के लिए दूसरे शहर में भेजने का माहौल नहीं है। कुछ लोग शहर में भेजते हैं। - निशा वर्मा पहले के बजाय अब किसी भी क्षेत्र में नौकरी की तैयारी करना आसान हो गया है। बहुत से कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। -मानसी अभ्युदय योजना से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हूं। निजी कोचिंगों में महंगा शुल्क लेते हैं। विभागों का निजीकरण बंद करें। -सोमी शर्मा जिले में मेडिकल, इंजीनियरिंग और सिविल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। - मो. शफीक बोले जिम्मेदार -------------------- शहर के एलबीएस डिग्री कॉलेज में वर्ष 2021 से अभ्युदय कोचिंग संचालित है। इसमें इस वर्ष एसएससी के 427, यूपीएससी के 144 और नीट के 120 बच्चों को नि:शुल्क तैयारी कराई गई है। नए सत्र के लिए फार्म मिल रहे हैँ। -रूपेश पांडेय, कोर्स कॉर्डिनेटर

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